AIN NEWS 1:भीषण गर्मी के बीच राहत का इंतजार करते लोगों को फिलहाल ब्याज दरों की तेजी से भी छुटकारा मिलने के आसार नहीं हैं। दरअसल, RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक 5 से 7 जून के दरम्यान होगी जिसमें एक बार फिर से ब्याज दरों में किसी तरह की कमी ना होने का अनुमान जताया जा रहा है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि RBI रेपो रेट को पहले की तरह साढ़े 6 फीसदी पर ही बरकरार रखेगा| इसकी वजह अर्थव्यवस्था में तेजी और खाद्य वस्तुओं की महंगाई है| ऐसे में जानकारों का मानना है कि RBI रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा।
महंगाई दर RBI के टारगेट में आई!
हालांकि महंगाई दर अब RBI के टारगेट में आ गई है। लेकिन जिस तरह से गर्मियों में फल और सब्जी समेत खाने के सामान की महंगाई में इजाफा है रहा है उसे देखते हुए RBI फिलहाल ब्याज दरों में कटौती का जोखिम नहीं लेगा। दरअसल, अप्रैल में रिटेल महंगाई दर 4.9 फीसदी रही लेकिन RBI का टारगेट इसे 4 परसेंट तक लाना है| इसके पहले अप्रैल में भी RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया गया था। जानकारों के मुताबिक जून में भी RBI ब्याज दरों में कटौती को लेकर अपने रुख में कोई बदलाव नहीं करेगा। उनका कहना है कि महंगाई भले ही 5 फीसदी से कम हो गई है लेकिन खाद्य वस्तुओं के महंगे होने का जोखिम बना हुआ है। लगातार चल रही गर्म हवा से सब्जी के दाम बढ़ने की आशंका है।
महंगाई में बढ़ोतरी का जोखिम बरकरार!
इसके अलावा वैश्विक स्तर पर जारी भू-राजनीतिक तनाव से कच्चे तेल की कीमतों पर भी दबाव बढ़ सकती है। इन जोखिमों को देखते हुए RBI प्रमुख उधारी दरों में बदलाव का फैसला करते समय पूरी सावधानी बरतेगा। महंगाई में बढ़ोतरी के जोखिम के पूरी तरह से टल जाने के बाद ही RBI रेपो रेट में कटौती पर फैसला कर सकता है।