AIN NEWS 1 : लखनऊ में तैनात एक महिला दरोगा का अपहरण कर लिया गया। बदमाशों ने उसे घर से बाहर बुलाकर कार में बैठा लिया और उसे एक युवक के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने के लिए दबाव डाला। यह युवक प्रयागराज का रहने वाला है, जिसने पिछले पांच महीने से महिला दरोगा को ब्लैकमेल किया था।
घटना की जानकारी
11 सितंबर की रात लगभग 12 बजे, महिला दरोगा के घर के दरवाजे पर दो युवक आए। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ नोटिस आई है। जब महिला दरोगा उनसे और जानकारी मांग रही थीं, तभी दोनों युवकों ने उसे पकड़कर जबरन कार में डाल दिया। कार में बैठाते ही एक युवक ने उसे धमकी दी कि अगर उसने आयुष्मान पांडेय के खिलाफ दर्ज केस वापस नहीं लिया, तो उसकी जान ले ली जाएगी।
धमकी और अपहरण की प्रक्रिया
बदमाशों ने महिला दरोगा को कार में घुमाया और धमकियां देते हुए सादे कागज पर साइन भी कराए। हालांकि, महिला दरोगा ने मौका पाकर 112 नंबर डायल कर दिया। जैसे ही बदमाशों को इस बात का पता चला, उन्होंने उसे सड़क पर छोड़कर भाग निकले।
महिला दरोगा का आरोप
महिला दरोगा का कहना है कि पिछले 5-6 महीने से आयुष्मान पांडेय उन्हें लगातार परेशान कर रहा था। उसने 87 मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिए थे, लेकिन युवक नए नंबरों से उन्हें फोन करके ब्लैकमेल करता रहा। वह उन्हें पैसे मांगता और अश्लील फोटो बनाने की धमकी देता था। इस सब से परेशान होकर महिला दरोगा ने अगस्त में उसके खिलाफ केस दर्ज कराया था, लेकिन आरोपी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट से स्टे ले लिया।
पुलिस की कार्रवाई
महिला दरोगा ने बीबीडी थाने में किडनैपिंग और धमकी के मामले में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने बताया कि घटना स्थल पर लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। बीबीडी इंस्पेक्टर अजय नारायण सिंह ने कहा कि महिला की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आरोपी की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
पीड़िता की सुरक्षा
महिला दरोगा ने आरोप लगाया है कि आरोपी उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहा है। उसने यह भी कहा कि जब उसे यह जानकारी मिली कि उसके खिलाफ केस दर्ज हो गया है, तब से वह और भी अधिक सक्रिय हो गया है। महिला दरोगा ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि उसे और उसके परिवार को सुरक्षा मिल सके।
यह घटना न केवल महिला दरोगा के लिए बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा करती है। ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई और सख्त सजा सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।