AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में सीएम योगी आदित्यनाथ के हालिया आदेश ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के बाहर मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के फैसले ने एनडीए में भी मतभेद उत्पन्न कर दिए हैं।
योगी सरकार का आदेश
सीएम योगी ने कांवड़ यात्रा के मद्देनजर यह फैसला लिया कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित खाने-पीने की दुकानों पर मालिकों के नाम लिखे जाएंगे। सरकार का कहना है कि यह कदम कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
विरोध की प्रतिक्रिया
1. जदयू का विरोध: जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता केसी त्यागी ने इस आदेश का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस प्रकार का आदेश सांप्रदायिक तनाव बढ़ा सकता है और यह प्रधानमंत्री मोदी की ‘सबका साथ, सबका विकास’ की अवधारणा के खिलाफ है।
2. लोजपा का विरोध: लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी इस आदेश का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव का समर्थन नहीं किया जा सकता है।
3. रालोद का विरोध: राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के नेता रामाशीष राय ने आदेश को असंवैधानिक बताया और कहा कि यह जाति और धर्म के आधार पर समाज को विभाजित करने का प्रयास है। रालोद सांसद चंदन चौहान ने भी इस फैसले की आलोचना की और ‘गंगा-जमुनी तहजीब’ को बनाए रखने की आवश्यकता जताई।
इस फैसले के बाद विपक्षी दलों के साथ-साथ एनडीए के सहयोगी दलों ने भी योगी सरकार के इस आदेश की आलोचना की है, जिससे एनडीए में मतभेदों की स्थिति उत्पन्न हो गई है।