AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गन्ना पेराई सत्र 2024-25 के लिए नई गन्ना सट्टा और आपूर्ति नीति की घोषणा की है। इस नीति के तहत कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं जो गन्ना किसानों के हित में हैं और चीनी मिलों के लिए भी नई सुविधाएं प्रदान करते हैं।
नई नीति के मुख्य बिंदु:
1. अति लघु किसानों को प्राथमिकता: नई नीति के तहत अति लघु गन्ना किसानों को गन्ना आपूर्ति में विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। इससे छोटे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा और उनकी समस्याएं कम होंगी।
2. मशीन से गन्ना कटाई की अनुमति: पहली बार, चीनी मिलों को मशीनों से गन्ना कटाई की अनुमति दी गई है। इसके लिए मिलों को जरूरी प्रक्रियाएं पूरी करनी होंगी। इससे गन्ना कटाई की प्रक्रिया को अधिक सटीक और समय पर पूरा किया जा सकेगा।
3. नए सदस्यों को लाभ: 30 सितंबर तक जिन किसानों की समिति सदस्यता पूरी हो जाएगी, उन्हें गन्ना आपूर्ति का लाभ इसी पेराई सत्र से मिलेगा। इसके अतिरिक्त, गन्ना सट्टा धारक किसानों को 72 कुंतल गन्ना उत्पादन पर 1 से 3 कैलेंडर पक्ष में पेड़ी गन्ने और 7 से 9 पक्ष में पौधा गन्ने की पर्ची जारी की जाएगी।
4. ड्रिप इरीगेशन वाले किसानों को अतिरिक्त सट्टा: जिन किसानों ने गन्ने की सिंचाई के लिए ड्रिप इरीगेशन का उपयोग किया है, उन्हें अतिरिक्त गन्ना सट्टा दिया जाएगा। यह जल संरक्षण को बढ़ावा देने का एक कदम है।
5. गन्ना प्रजाति को-15023 के लिए अतिरिक्त बांडिंग: गन्ना प्रजाति को-15023 को अगेती मानते हुए, पेड़ी और शरदकालीन पौधा किसानों को 6वें पक्ष से अतिरिक्त बांडिंग की सुविधा दी जाएगी।
6. सट्टा नीति में बदलाव: नए सदस्यों को पेराई सत्र 2023-24 में चीनी मिल की औसत गन्ना आपूर्ति या जनपद की गन्ना उत्पादकता का 65 फीसदी, जो भी अधिक हो, की सीमा तक गन्ना सट्टा का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, जिनके पास पेड़ी या शरदकालीन पौधा है, उनकी पर्ची पहली बार 6वें पक्ष में लगाने की व्यवस्था की गई है।
नई गन्ना नीति से छोटे और अति लघु किसानों को विशेष लाभ मिलेगा और गन्ना कटाई की आधुनिक विधियों को प्रोत्साहन मिलेगा, जो कुल मिलाकर गन्ना खेती और उद्योग के लिए एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है।