AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में श्रम विभाग कन्या विवाह सहायता योजना में एक बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ गया है। लोकायुक्त के ही आदेश पर हुई जांच में कुल 156 शादियां ही फर्जी पाई गई हैं। इन सभी युवतियों की शादी या तो इस योजना से कई साल पहले ही हो चुकी थी, या फिर ये लड़कियां कही हैं ही नहीं । श्रम विभाग, सर्वेयर और इसके लिए फार्म भरने वाले लोगों ने कुछ मजदूरों को चंद रुपयों का लालच दिया और इस योजना के फार्म पर उनसे दस्तखत करा लिए। वैसे कुछ देर के लिए किसी को भी यहां वर-वधु बनाकर शादी के मंडप में उन्होने बैठा भी दिया। शादी का फोटो भी खिंचाया, खाते में पैसे भी आए और वह युवक-युवती फिर से अलग-अलग हो गए। गाजियाबाद के डीएम ने इस मामले में करीब 800 पेज की एक जांच रिपोर्ट पिछले हफ्ते ही लोकायुक्त लखनऊ को भेजी है। माना तो यह जा रहा है कि इस केस में बहुत जल्द ही एक बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
आइए सबसे पहले समझते हैं पूरी योजना
उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा एक कन्या विवाह योजना संचालित की जा रही है। इस पूरी योजना का लाभ केवल उन्हीं मजदूरों को मिल सकता है। जिनका श्रम विभाग में पहले से ही पंजीकरण हो और वह कम से कम 365 दिन पुराना भी हो। ऐसे सभी मजदूरों की बेटियों को शादी कराने के लिए सरकार 82-82 हजार रुपए की उन्हे आर्थिक मदद देती है। इन बेटियों की मंच पर सामूहिक शादी कराई जाती है। इसमें कुल 65 हजार रुपए शादी अनुदान, 10 हजार रुपए दूल्हा-दुल्हन की पोशाक के लिए और 7 हजार रुपए उनकी अन्य व्यवस्थाओं के लिए सरकार द्वारा दिए जाते हैं। गाजियाबाद जिले में ही क़रीब तीन जिलों के करीब तीन हजार जोड़ों की सामूहिक शादियां 24 नवंबर 2022 को कराई गई थीं।
जिसमे कुल 175 में से 156 शिकायतें पाई गईं सही
बता दें भारतीय किसान यूनियन (किसान शक्ति) के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री पंडित गजेंद्र शर्मा ने 16 मार्च 2023 को लोकायुक्त लखनऊ को इन शादियों में फर्जीवाड़े की अपनी शिकायत भेजी और उन्हें इन्होंने 175 फर्जी शादियों की लिस्ट भी सौंपी। अप्रैल के पहले सप्ताह में ही लोकायुक्त ने इसकी जांच का आदेश भी कर दिया और गाजियाबाद से ही 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट भी मांगी। इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी ने एक लंबी जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट डीएम गाजियाबाद को सौंप दी।21 अगस्त 2023 को ही डीएम गाजियाबाद राकेश कुमार सिंह ने यह करीब 800 पेज की जांच रिपोर्ट उप लोक आयुक्त लखनऊ को भी भेज दी है। इस पूरे रिपोर्ट के अनुसार, 175 में से 156 शिकायतें जांच में जांच पूरी तरह से सही पाई गई हैं। 2 शिकायतों की इसमें पुष्टि नहीं हो पाई और 3 शिकायत इसमें असत्य हैं। जबकि 175 की लिस्ट में से 14 मजदूरों के नाम डबल डबल पाए गए। इस जांच कमेटी में DRDO के परियोजना निदेशक, कृषि विभाग के उपनिदेशक और जिला समाज कल्याण अधिकारी भी शामिल थे। ये जो भी जांच रिपोर्ट आई, उसकी जांच भी अभियोजन अधिकारी और वित्त एवं लेखाधिकारी से भी कराई गई। इसके बाद पूरी रिपोर्ट कंपाइल करके उप लोकायुक्त लखनऊ को भेज इस दौरान दी गई है।
इस पूरे मामले में ऐसे खुला राज
श्रम विभाग में ही पंजीकृत मजदूरों से कुछ दलालों ने इसके लिए संपर्क किया। कहा कि वे उनको 10-20 हजार रुपए भी दिला देंगे। उसके बदले केवल कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करने होंगे। इन मजदूरों ने पैसे की खातिर ऐसा ही किया और दलालों को अपने आधार कार्ड, फोटो व अन्य डॉक्यूमेंट्स भी दे दिए। इन दलालों ने मजदूरों की बेटियों की शादी के के ऑनलाइन आवेदन फार्म भर दिए। श्रम विभाग में साठगांठ करके इनके आवेदन पत्र स्वीकृत भी करा लिए। गाजियाबाद में 24 नवंबर 2022 को ही सामूहिक विवाह के वक्त कुछ देर के लिए इन जोड़े ले जाकर बैठा दिए। वहां पर फोटो खिंचे और कुछ दिनों में इनके पैसा खाते में आ भी गया। जब कुछ मजदूरों को इनका पूरा पैसा नहीं मिला तो उन्होंने इस पूरे मामले की ही इधर-उधर शिकायत करनी शुरू की। तब जाकर ही ये पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया।
इस पूरे मामले में डीएम बोले- रिपोर्ट शासन को भेजी
DM राकेश कुमार सिंह ने इस मामले में बताया कि लोकायुक्त लखनऊ के आदेश पर ही शादी योजना में हुई धांधली की पूरी जांच आई थी। विस्तृत जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। चूंकि इस मामले में लोकायुक्त ने संज्ञान लिया है, इसलिए वहीं से कुछ निर्देश मिलने के बाद ही इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।