AIN NEWS 1: जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: पहली बार होंगे नए नियमों के तहत, जानिए क्या बदल गया है
मुख्य बातें:
1. पंचायत का कार्यकाल और सीटों की संख्या में बदलाव :
– जम्मू-कश्मीर अब केंद्रशासित प्रदेश बन चुका है और पूर्ण राज्य का दर्जा समाप्त हो चुका है।
– पहले विधानसभा का कार्यकाल 6 साल का था, अब इसे घटाकर 5 साल कर दिया गया है।
– विधानसभा सीटों की संख्या बढ़कर 90 हो गई है। पहले 87 सीटें थीं, जिनमें 24 पीओके में थीं। अब 16 सीटें रिजर्व की गई हैं (7 एससी और 9 एसटी के लिए)।
2. पहली बार चुनाव होंगे :
– आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। इससे पहले 2014 में चुनाव हुए थे।
3. अद्यतन चुनाव आयोग की योजना :
– चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर का हाल ही में दौरा किया और 30 सितंबर से पहले चुनाव कराने की योजना बनाई है।
4. पार्टी स्थिति :
– गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाई है, जो इस चुनाव में शामिल होगी।
– मुफ्ती मोहम्मद सईद के बिना यह पहला चुनाव होगा।
पिछले चुनाव और वोटिंग पर्सेंटेज :
1. 2014 विधानसभा चुनाव :
– 87 सीटों में से पीडीपी को 28, बीजेपी को 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15, कांग्रेस को 12, और अन्य दलों को 7 सीटें मिली थीं।
– वोटिंग प्रतिशत: पीडीपी और बीजेपी को 23%, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 21%, कांग्रेस को 18% वोट मिले थे।
2. 2019 लोकसभा चुनाव :
– 5 सीटों में से बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने दो-दो सीटें जीतीं, जबकि एक निर्दलीय को मिली।
– बीजेपी को 24%, नेशनल कॉन्फ्रेंस को 22%, कांग्रेस को 19%, और पीडीपी को 8% वोट मिले थे।
नवीनतम स्थिति :
– जम्मू-कश्मीर अब केंद्रशासित प्रदेश के रूप में चुनाव आयोग के अधीन होगा। लद्दाख अब जम्मू-कश्मीर का हिस्सा नहीं है और यहाँ केंद्र सरकार के शासन के तहत चुनाव होंगे।