अंतिम पड़ाव पर है हज यात्रा, हज यात्रियों की परेशानियां नहीं हो रहीं कम !
हज यात्रा-2023 अब अपने अंतिम पड़ाव पर है। इस दौरान भारत से हज पर जाने वाले लोगों की अब तक मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
अब हज के अंतिम चरण के दौरान मीना और अराफात में खाने-पीने से लेकर बुनियादी सुविधाओं के अभाव का भी उनको सामना करना पड़ा है। हाजियों ने वहां भारतीय अधिकारियों से इसकी शिकायत की और विरोध भी जताया है।
हज यात्रा के शुरू में ही सऊदी अरब के दो शहरों मदीना मुनव्वरा और मक्का शरीफ में भारतीय हज यात्रियों को ठहराने के लिए जिन भवनों का चयन किया गया था, वह काफी दयनीय स्थिति में है। साफ-सफाई की कमी थी। इसके अलावा भी कई तरह की अव्यवस्थाओं की शिकायत हज यात्रियों ने की थी।
हज के अंतिम पड़ाव में अब मीना और अराफात में यात्रियों को खाने-पीने, एयर कंडीशन की खराबी, टॉयलेट ब्लॉक की कमी का सामना करना पड़ रहा है। खेमों की कमी की वजह से लोगों को चिलचिलाती धूप में रहने पर मजबूर होना पड़ा है। अफरा-तफरी और अव्यवस्थाओं की शिकायत के बावजूद इसका समाधान नहीं निकाला जा रहा है। मीना और मक्का में हज कमेटी के दफ्तर का हज यात्रियों के जरिए घेराव किए जाने की खबरें भी सामने आई हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने पंजाब के हज यात्रियों को होने वाली परेशानियों का मामला सरकार के समक्ष उठाया था। वर्ल्ड पीस हारमनी के चेयरमैन और दिल्ली राज्य हज कमेटी के पूर्व सदस्य शकील सैफी ने भी भारतीय हज यात्रियों को यात्रा के दौरान होने वाली तमाम परेशानियों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर समाधान करने की मांग की थी।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इस वर्ष दुनियाभर से लगभग 26 लाख हज यात्रियों के पवित्र काबा शरीफ़ का हज करने के लिए सऊदी अरब पहुंचने की खबर है। इसमें से एक लाख 39 हजार हज यात्री हज कमेटी आफ इंडिया के माध्यम से और 40 हजार पीटीए के माध्यम से भारत से हज यात्रा पर गए हैं। यात्रा के दौरान हज यात्रियों के जरिए वीडियो कॉल और वीडियो मैसेजिंग के जरिए अपने रिश्तेदारों को तमाम तरह की परेशानियों का उल्लेख करने वाला वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। रिश्तेदारों द्वारा राज्य हज कमेटियों के जरिए केंद्रीय हज कमेटी को ईमेल और टेलिफोन, व्हाट्सएप के जरिए लिखित शिकायतें भी की जा रही हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है।
मक्का में हज यात्रियों को पवित्र स्थान से 8-10 किलोमीटर दूर अज़ीज़िया में ठहराया गया है। यहां पर जिन भवनों का चयन किया गया है, वह काफी दयनीय स्थिति में है। बहुत सारे भवनों में टॉयलेट में दरवाजा नहीं होने की भी शिकायतें आई हैं। एयर कंडीशनर के खराब होने का मामला भी सामने आया है। पवित्र स्थान आने जाने के लिए वाहन की सुविधा भी चरमराई हुई है। बसों और मेट्रो को पकड़ने के लिए हज यात्रियों की काफी लंबी लाइनें लग रही हैं। भारत से मेहरम (बिना मर्द) यात्रा पर गई महिलाओं को भी वहां पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन महिलाओं को मर्द हाजियों के साथ ठहराए जाने का मामला भी सामने आया है। इसकी शिकायत महिलाओं ने की है।
हज कमेटी आफ इंडिया के पूर्व सदस्य हाफिज नौशाद आज़मी का कहना है कि भारत से जाने वाले हज यात्रियों को होने वाली परेशानियों का पहले से ही अंदाजा लगाया जा रहा था, क्योंकि चार महीने की देरी से हज यात्रा की घोषणा की गई। आनन-फानन में सारी तैयारियां की गईं। एक लाख 39 हजार यात्रियों के ठहरने, खाने-पीने और आने-जाने की व्यवस्था करना आसान काम नहीं था। हम सारे मामले पर नजर रख रहे हैं। हज यात्रा की समाप्ति के बाद इस पर गौर करेंगे और जरूरत पड़ी तो अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे।