AIN NEWS 1: देश की आम जनता के लिए एक राहत भरी खबर आई है। लंबे समय से लगातार बढ़ती महंगाई के बीच अब हालात सुधार की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को अक्टूबर महीने के खुदरा महंगाई (Retail Inflation) के ताज़ा आंकड़े जारी किए गए, जिनमें बड़ा सुधार दर्ज हुआ है।
अक्टूबर 2025 में खुदरा महंगाई दर घटकर सिर्फ 0.25% पर आ गई है, जो पिछले कई महीनों में सबसे कम स्तर है। सितंबर में यह आंकड़ा 1.44% था। इस तरह एक महीने के भीतर महंगाई में करीब 1.19 प्रतिशत की कमी आई है।
सरकार के मुताबिक, इस गिरावट के पीछे मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं (Food Items) की कीमतों में आई नरमी और हाल ही में किए गए GST दरों में कटौती (GST Reduction) हैं। इसका सीधा असर अब खुदरा बाजारों में देखने को मिल रहा है।
खाने-पीने की चीजों के दाम में गिरावट का असर
अक्टूबर के दौरान सब्जियों, अनाज, दालों और तेलों के दामों में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। खासतौर पर टमाटर, प्याज और आलू जैसी रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं के भाव नीचे आए हैं। इससे आम घरों के बजट में थोड़ी राहत मिली है।
आंकड़ों के अनुसार, फूड इन्फ्लेशन (Food Inflation) जो सितंबर में 2.3% था, वह घटकर अक्टूबर में 0.9% पर आ गया है। दूध, चीनी और खाद्य तेल जैसे उत्पादों के दाम स्थिर रहे, जबकि सब्जियों और अनाजों में गिरावट जारी रही।
जीएसटी कटौती का सकारात्मक प्रभाव
पिछले महीने केंद्र सरकार ने कई आवश्यक वस्तुओं पर GST दरों में कमी की थी, जिसका असर अब महंगाई के आंकड़ों में साफ झलक रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी में कटौती से बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी और व्यापारियों ने उपभोक्ताओं को इसका फायदा देना शुरू किया।
खासकर FMCG सेक्टर की कई कंपनियों ने अपने उत्पादों के दाम घटाए हैं। साबुन, टूथपेस्ट, और पैक्ड फूड आइटम्स के रेट कम होने से उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत महसूस हो रही है।
अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत
आर्थिक जानकारों का कहना है कि महंगाई में यह गिरावट देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ संकेत है। लगातार घटती खुदरा मुद्रास्फीति दर (Retail Inflation Rate) से यह जाहिर होता है कि बाजार में मांग और आपूर्ति का संतुलन सुधर रहा है।
रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) भी इसे एक सकारात्मक संकेत के रूप में देख रहा है। इससे केंद्रीय बैंक को आगे चलकर ब्याज दरों में बदलाव करने की गुंजाइश मिल सकती है।
ग्रामीण इलाकों में भी राहत
इस बार राहत केवल शहरी उपभोक्ताओं तक सीमित नहीं है। ग्रामीण भारत में भी लोगों को महंगाई में कमी का फायदा मिल रहा है। ग्रामीण इलाकों में सब्जियों और अनाज के दामों में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जिससे आम परिवारों के खर्चों में कमी देखी जा रही है।
कृषि अर्थशास्त्रियों का कहना है कि मानसून सीजन के अच्छे प्रदर्शन और फसल उत्पादन में सुधार ने खाद्य आपूर्ति को बेहतर किया है। इसके चलते बाजार में वस्तुओं की उपलब्धता बढ़ी और कीमतें नीचे आईं।
विशेषज्ञों की राय: आगे क्या?
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सरकार की मौजूदा नीतियां इसी तरह जारी रहीं और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में स्थिरता बनी रही, तो आने वाले महीनों में भी महंगाई दर 1% के आसपास रह सकती है।
हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में उछाल या वैश्विक बाजार में अस्थिरता बढ़ी, तो इसका असर भारत की खुदरा महंगाई पर दोबारा पड़ सकता है।
सरकार का बयान: महंगाई नियंत्रण हमारी प्राथमिकता
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि सरकार लगातार महंगाई पर नजर रखे हुए है और इसे नियंत्रण में रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।
सरकार ने जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ाने, भंडारण पर नियंत्रण, और टैक्स राहत जैसे कई उपाय किए हैं। इसके साथ ही, बाजारों में कालाबाजारी और जमाखोरी रोकने के लिए भी निगरानी बढ़ाई गई है।
आम जनता को कैसे मिलेगा फायदा
महंगाई में आई इस गिरावट का सबसे बड़ा फायदा आम उपभोक्ताओं को मिलेगा। इससे घरेलू खर्चों में कमी आएगी और लोगों की क्रय शक्ति (Purchasing Power) बढ़ेगी।
इसके अलावा, ब्याज दरों में संभावित स्थिरता से होम लोन और अन्य कर्ज लेने वालों को भी राहत मिल सकती है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में यह स्थिति त्योहारी सीजन और बाजार की बिक्री को और मजबूती देगी।
अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई का गिरकर 0.25% पर आना यह दर्शाता है कि सरकार की आर्थिक नीतियां सही दिशा में काम कर रही हैं। खाद्य वस्तुओं के दामों में नरमी, जीएसटी दरों में कमी, और बाजार में स्थिरता ने मिलकर आम जनता को राहत दी है।
अगर यही रफ्तार जारी रही, तो अगले कुछ महीनों में भारत की अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं — दोनों के लिए अच्छे दिन आ सकते हैं।
India’s retail inflation for October 2025 dropped sharply to 0.25%, marking a major relief for consumers and the economy. The decline from 1.44% in September is driven by lower food prices, government GST reduction, and improved supply conditions. Economists see this as a positive trend for India’s economic stability and purchasing power. If global oil prices remain stable, India’s retail inflation rate may stay low in coming months, boosting consumer confidence and market growth.



















