AIN NEWS 1: अफगानिस्तान के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री अलहाज नूरुद्दीन अज़ीज़ी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए दुनिया भर में बसे अफगान हिंदू और सिख समुदाय के लोगों से वापस अपने देश लौटने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान इस समय एक नए दौर से गुजर रहा है, जहां देश को फिर से खड़ा करने और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए हर समुदाय की जरूरत है। उनका मानना है कि देश के पुनर्निर्माण में हिंदू और सिख समुदाय की भूमिका पहले भी अहम रही है, और अब भी उनकी सहभागिता बेहद मूल्यवान हो सकती है।
हिंदू और सिख समुदाय का ऐतिहासिक योगदान
अज़ीज़ी ने अपने बयान में यह भी याद दिलाया कि अफगान हिंदू और सिख लंबे समय तक देश के व्यापार, शिक्षा, सामाजिक गतिविधियों और सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न हिस्सा रहे हैं। उनके अनुसार, इन समुदायों ने अफगानिस्तान को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में वर्षों तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और स्थानीय समाज में हमेशा सम्मानित स्थान बनाए रखा।
इतिहास के पन्ने बताते हैं कि कंधार, जलालाबाद, काबुल और गजनी जैसे शहरों में हिंदू और सिख परिवारों के कई व्यापार फलते-फूलते थे। कई परिवारों ने स्थानीय लोगों के साथ आर्थिक-सामाजिक रिश्तों को मजबूत किया और अफगानिस्तान के विकास में योगदान दिया। मंत्री अज़ीज़ी की अपील इसी भावनात्मक और सामाजिक रिश्ते को फिर से जोड़ने की दिशा में एक कदम मानी जा रही है।
क्यों कर रहे हैं मंत्री यह अपील?
अफगानिस्तान पिछले कई वर्षों से संघर्षों, राजनीतिक अस्थिरता और सुरक्षा चुनौतियों से जूझ रहा है। लेकिन अब देश की मौजूदा सरकार आर्थिक सुधार, व्यापारिक साझेदारी, और नए निवेश को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। सरकार का मानना है कि देश की प्रगति तभी संभव है जब सभी समुदाय एक साथ आगे बढ़ें और अपने अनुभव, क्षमता और संसाधनों को देश के हित में इस्तेमाल करें।
अज़ीज़ी ने अपनी अपील में कहा कि अफगानिस्तान में बदलाव का माहौल है। देश स्थिरता की ओर बढ़ना चाहता है और इस प्रक्रिया में अफगान हिंदू और सिख समुदाय का योगदान महत्वपूर्ण हो सकता है। उन्होंने वादा किया कि सरकार उनकी सुरक्षा, सम्मान और समर्थन का पूरा ध्यान रखेगी।
सुरक्षा पर सरकार का भरोसा
यह किसी से छिपा नहीं है कि पिछले दशकों में सुरक्षा चुनौतियों के कारण बड़ी संख्या में अफगान हिंदू और सिख देश छोड़कर भारत, यूरोप, अमेरिका और कई अन्य देशों में बस गए। लेकिन अज़ीज़ी ने भरोसा दिलाया कि सरकार अब ऐसे कदम उठा रही है जिससे देश का माहौल सुरक्षित और स्थिर बने।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार उन सभी समुदायों के साथ न्याय और समानता का व्यवहार करेगी जो देश की उन्नति में साथ खड़े रहना चाहते हैं। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि लौटने वाले लोगों को आवश्यक सहायता, सरकारी समर्थन, व्यापारिक सुविधा और रहने के लिए सुरक्षित माहौल प्रदान किया जाएगा।
अफगानिस्तान को बहु-सांस्कृतिक पहचान की जरूरत
अफगानिस्तान सदियों से विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और धार्मिक समुदायों का संगम रहा है। हिंदू और सिख समुदाय न केवल आर्थिक रूप से बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी देश की विविधता को मजबूत करते रहे हैं।
अज़ीज़ी ने कहा कि देश को फिर से बहु-सांस्कृतिक पहचान मजबूत करने की जरूरत है, ताकि अफगानिस्तान अपनी वैश्विक छवि में स्थिरता और विविधता बनाए रख सके। उन्होंने माना कि जब कोई भी समाज अपने सभी समुदायों को साथ लेकर चलता है, तभी वह एक मजबूत और विकसित राष्ट्र बन पाता है।
क्या अफगान हिंदू और सिख वापस लौटेंगे?
यह बड़ा सवाल है। कई परिवारों ने पिछले वर्षों में न सिर्फ अफगानिस्तान छोड़ा, बल्कि जीवन के कई दशक दूसरे देशों में बिताए हैं। उनके लिए वापस लौटने का फैसला आसान नहीं होगा। सुरक्षा, शिक्षा, भविष्य की स्थिरता और रोज़गार जैसी चिंताएं अभी भी मौजूद हैं।
फिर भी, अज़ीज़ी की यह अपील उन परिवारों के लिए उम्मीद की नई किरण पैदा कर सकती है, जिनका दिल अब भी अफगानिस्तान की मिट्टी से जुड़ा हुआ है। कई लोग वर्षों बाद भी अपने पुराने घर, मंदिर, गुरुद्वारे और रिश्तों को याद करते हैं। सरकार का यह भरोसा कि वे लौटने वालों को पूरा संरक्षण और समर्थन देगी, उन्हें निर्णय लेने में सहायक हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर
अफगानिस्तान की यह अपील सिर्फ एक आंतरिक मुद्दा नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इससे यह संकेत मिलता है कि अफगान सरकार देश की छवि सुधारने, निवेश को आकर्षित करने और वैश्विक मंच पर अपने लिए सकारात्मक स्थान बनाने की कोशिश कर रही है।
अगर हिंदू और सिख समुदाय का कुछ हिस्सा भी वापस लौटता है, तो यह दुनिया को यह संदेश देगा कि अफगानिस्तान एक सुरक्षित और बहु-सांस्कृतिक समाज बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
अलहाज नूरुद्दीन अज़ीज़ी का यह बयान सिर्फ एक औपचारिक अपील नहीं है, बल्कि अफगानिस्तान की बदलती सोच, उसके भविष्य के सपने और उसके बहु-सांस्कृतिक समाज को फिर से जीवंत करने की कोशिश का संकेत है।
हिंदू और सिख समुदाय ने अफगानिस्तान के इतिहास, समाज और अर्थव्यवस्था में हमेशा एक सकारात्मक भूमिका निभाई है। देश अब चाहता है कि वे फिर से उसकी तरक्की की यात्रा में साथ खड़े हों।
हालांकि, लौटने का फैसला आसान नहीं है, और बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार अपने वादों को जमीन पर कितना उतार पाती है। लेकिन इतना जरूर है कि यह अपील किसी नए आरंभ की संभावना जरूर जगाती है।
Afghanistan’s Minister Alhaj Nooruddin Azizi has urged the Hindu and Sikh communities to return to Afghanistan and support the nation’s ongoing reconstruction efforts. Highlighting the historical contributions of Afghan Hindus and Sikhs, the minister assured that the government will provide safety, respect, and full cooperation. This appeal aims to restore Afghanistan’s diverse cultural identity and encourage minority participation in rebuilding the economy and society.



















