AIN NEWS 1 नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘एंटी-टेरर कांफ्रेंस-2024’ के उद्घाटन सत्र में कहा कि देश को 75 साल की स्वतंत्रता प्राप्त हो चुकी है और इस दौरान 36,468 पुलिसकर्मियों ने देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा करते हुए अपनी जान की आहुति दी है। गृह मंत्री ने उनके साहस और सर्वोच्च बलिदान को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिवारों का भी आभार व्यक्त किया।
अमित शाह ने कहा, “भारत सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के खिलाफ ठोस रणनीति अपनाई है। मोदी जी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, जिसे आज न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया ने स्वीकार किया है।” उन्होंने आगे बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारत में आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए एक मजबूत और सशक्त इकोसिस्टम तैयार किया गया है।
गृह मंत्री ने भारतीय सुरक्षा बलों की कार्यप्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय सुरक्षाबल अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा में जुटे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना और सुरक्षा तंत्र को और मजबूत बनाना है।
अमित शाह ने सम्मेलन में आतंकवाद को वैश्विक समस्या मानते हुए, कहा कि यह केवल एक देश के लिए नहीं बल्कि समस्त मानवता के लिए खतरा है। उन्होंने आतंकवादियों के नेटवर्क को समाप्त करने और इस पर काबू पाने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया।
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए तकनीकी और खुफिया जानकारी का उपयोग महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “भारत ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं, बल्कि आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ भी जमीनी स्तर पर सख्त कार्यवाही की है।”
इस सम्मेलन में देशभर से आए सुरक्षा विशेषज्ञ और अधिकारी एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ नए उपायों पर विचार करेंगे। इस अवसर पर अमित शाह ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति और समर्पण को दोहराते हुए कहा कि भारत भविष्य में आतंकवाद के खिलाफ और मजबूत कदम उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
निष्कर्ष:
इस सम्मेलन के माध्यम से सरकार की प्रतिबद्धता स्पष्ट रूप से सामने आई है कि वह आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया के साथ मिलकर लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत में आतंकी गतिविधियों पर काबू पाने के लिए सशक्त सुरक्षा तंत्र और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को समझते हुए, इस सम्मेलन से सुरक्षा रणनीतियों को और मजबूती मिलेगी।