देश के ई-कॉमर्स सेक्टर की तस्वीर पूरी तरह से बदल सकती है। दरअसल, केंद्र सरकार एक ओपन टेक्नोलॉजी नेटवर्क बनाने जा रही है। इस नेटवर्क की मदद से छोटे रिटेलर्स को भी ई-कॉमर्स का भरपूर फायदा मिलेगा। उनके प्रॉडक्ट्स की पहुंच भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर करोड़ों ग्राहकों तक हो जाएगी। इससे अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियों की बादशाहत खत्म हो जाएगी। ये अपनी तरह का दुनिया का पहला नेटवर्क होगा। हालांकि इस पहला का फायदा ग्राहकों को भी मिलेगा। Open Network Digital Commerce यानी ONDC के बाद ग्राहकों को ज्यादा से ज्यादा प्रतिस्पर्द्धी कीमत पर सामान खरीदने का मौका मिलेगा। ग्राहकों के पास ज्यादा ब्रांड्स, प्रॉडक्ट और सेवाएं देने वाले ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगे। सरकार का मकसद एक ऐसा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाने का है जिस पर 10 रुपये के साबुन से लेकर हजारों रुपये तक का सामान खरीदना और बेचना मुमकिन हो सके। ONDC को बनाने में सरकार की मदद इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन निलेकणि कर रहे हैं। सरकार की योजना ई-कॉमर्स कारोबार में बड़ी कंपनियों की बादशाहत को खत्म करके सबके लिए बराबर का मौका मुहैया कराना है। ऑनलाइन रिटेल मार्केट में अमेजन और फ्लिपकार्ट की 80 फीसदी हिस्सेदारी है। ये दोनों कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर ज्यादा डिस्काउंट देकर ग्राहकों को लुभाती जिनको इसका फायदा भी मिलता है लेकिन इस वजह से छोटे दुकानदारों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है। इसी को ध्यान में रखकर सरकार ONDC बनाना चाहती है। ONDC के ज़रिए सरकार तेजी से बढ़ते डिजिटल बाजार में करोड़ों छोटे दुकानदारों की भागीदारी का सिस्टम बना रही है। इससे संबंधित पायलट शुक्रवार से देश के 5 शहरों में शुरू हो गया है। हालांकि इस पायलट को सफलता के साथ लागू करना कम चुनौतीपूर्ण नहीं होगी। अमेजन और फ्लिपकार्ट का ई-कॉमर्स बाजार पर दबदबा कायम है और उनकी आजमाई हुई तकनीक रिटेलर्स और ग्राहकों का सबसे बड़ा आकर्षण है। ONDC को भी उसी तरह का या उससे बेहतर प्लेटफॉर्म बनाना होगा। साथ ही डेटा की सुरक्षा को बरकरार रखना भी एक बड़ा काम होगा। लेकिन अगर ये पायलट सफस हो गया तो फिर भारत में शॉपिंग का अंदाज एकदम से बदल जाएगा।