अमेरिकी राष्ट्रपति की घटी लोकप्रियता
नहीं भाया अर्थव्यवस्था संभालने का तरीका!
अगले साल चुनाव में उतरेंगे जो बाइडन
AIN NEWS 1: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन फिर से चुनाव प्रचार शुरू करने की तैयारी में जुट गए हैं। अगले साल अमेरिका में चुुनाव होने हैं और 80 साल के जो बाइडन दोबारा चुनावी मैदान में ताल ठोकने के लिए तैयार हैं। लेकिन दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क की सबसे बड़ी गद्दी संभालने के लिए बाइडन को इस बार कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, एक सर्वे में देश की अर्थव्यवस्था को संभालने की बाइडन की क्षमता पर सवाल खड़ा किया गया है। इस मामले में अमेरिका के लोगों को जो बाइडन पर ज्यादा भरोसा नहीं है।
राष्ट्रपति की घटी लोकप्रियता
ये सर्वे एसोसिएटेड प्रेस-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च
ने किया है जिसके मुताबिक महज 33 फीसदी व्यस्क अमेरिकियों ने ही बाइडन के अर्थव्यवस्था को संभालने के तरीके पर सहमति जताई है। वहीं केवल 24 फीसदी का मानना था कि देश की आर्थिक परिस्थितियां बाइडन की अगुवाई में बेहतर स्थिति में हैं। बाइडन पर अमेरिकियों की इस प्रतिक्रिया की टाइमिंग काफी महत्वपूर्ण है। इस वक्त अमेरिकी सरकार देेश को डिफॉल्ट से बचाने के लिए डेट सीलिंग को बढ़ाने पर मंथन कर रही है। इसके अलावा अमेरिका में महंगाई भी पॉलिसी मेकर्स का सरदर्द बनी हुई है और रियल एस्टेट मार्केट भी संकट में फंसा है।
नहीं भाया अर्थव्यवस्था संभालने का तरीका!
आर्थिक मुद्दों के अलावा भी बाइडन को लेकर अमेरिकियों में ज्यादा उत्साह नहीं है। सर्वे के मुताबिक इमिग्रेशन और हालिया गोलीबारी की घटनाओं जैसे मुद्दों पर भी बाइडन के प्रदर्शन से महज 31 फीसदी अमेरिकी ही संतुष्ट हैं। वहीं 40 फीसदी लोगों का कहना है कि वो बाइडन के अपना काम करने के तरीके से संतुष्ट हैं। वहीं अगर इस बीच भारतीय इकॉनमी के प्रदर्शन पर नजर डालें तो यहां पर हालात शानदार नजर आते हैं। RBI के मुताबिक देश की आर्थिक ग्रोथ अप्रैल-जून तिमाही में निजी खपत में बढ़ोतरी के दम पर तेजी से दौड़ेगी। इसके अलावा ग्रामीण मांग में सुधार और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में उछाल से भी इसे फायदा मिलेगा।
भारतीय इकॉनमी में बढ़ा भरोसा
RBI की ‘स्टेट ऑफ द इकोनॉमी’ पर रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल और मई के पहले पखवाड़े में घरेलू आर्थिक संकेतकों में जनवरी-मार्च की तरह तेजी नजर आ रही है। नवंबर 2021 के बाद पहली बार रिटेल महंगाई दर अप्रैल 2023 में 5 फीसदी से नीचे आ गई है। कॉरपोरेट इनकम उम्मीद से बेहतर है और बैंकिंग के साथ ही वित्तीय क्षेत्रों में प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है। ऐसे में समझा जा सकता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ग्लोबल चुनौतियों से निपटते हुए अपनी रफ्तार से आगे बढ़ती जा रही है।