AIN NEWS 1: जैसा कि आप जानते है हाथ से बने तालों के लिए काफ़ी ज्यादा प्रसिद्ध अलीगढ़ के एक बुजुर्ग कारीगर ने अयोध्या में ही राम मंदिर के लिए 400 किलोग्राम यानी कि कुल चार क्विंटल का ताला बनाकर तैयार किया है. जान ले इस कि अगले साल जनवरी में भक्तों के लिए खुलने की भी पूरी उम्मीद है. आपकों बता दें भगवान राम के एक भक्त सत्य प्रकाश शर्मा ने ‘दुनिया का सबसे बड़ा एक हस्तनिर्मित ताला’ तैयार किया है. ओर इसके लिए उन्हें कई महीने तक कड़ी मेहनत भी करनी पड़ी.
अलीगढ़ के ही सत्यप्रकाश शर्मा इस 400 किलो वजन वाले ताले को इस साल के अंत में ही राम मंदिर के अधिकारियों को सौंपने की पूरी तैयारी कर रहे हैं. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ही कुछ अधिकारियों ने कहा कि यह बड़ी संख्या में भक्त कुछ न कुछ उपहार अपनी तरफ से दे रहे हैं. अधिकारियों ने कहा कि हमें यह देखना होगा कि इस ताले का उपयोग कहां ओर कैसे कर सकते हैं.सत्य प्रकाश शर्मा ने आगे कहा कि उनका परिवार पूरे एक सदी से भी ज्यादा समय से इस प्रकार से हस्तनिर्मित ताले बनाने में लगा हुआ है, जबकि वह खुद 45 वर्षों से भी अधिक समय से अलीगढ़ में ही ताले बनाने का काम कर रहे हैं. वैसे तो अलीगढ़ को ‘ताला नगरी’ या तालों की भूमि के रूप में भी जाना जाता है.
इसकी दस फीट ऊंचाई और 4.5 फीट चौड़ाई है
सत्य प्रकाश ने आगे कहा कि उन्होंने यहां राम मंदिर को ध्यान में रखते हुए ही चार फीट की चाबी वाला यह एक विशाल ताला बनाकर तैयार किया है. यह कुल 10 फीट ऊंचा, 4.5 फीट चौड़ा और 9.5 इंच मोटा है. इस ताले को इस साल की शुरुआत में ही हर साल लगने वाली अलीगढ़ प्रदर्शनी में भी रखा जाएगा. शर्मा ने कहा कि वह तो चाहते हैं कि यह ताला एकदम से सही हो. यह मेरे लिए एक ‘प्यार का परिश्रम’ है. मेरी पत्नी रुक्मणी ने भी इस काम में मेरी पूरी मदद की.
उन्होने कहा के कुछ लोगों ने दिया था बड़ा ताला बनाने का यह सुझाव
जान ले ताला बनाने वाले सत्य प्रकाश शर्मा की पत्नी रुक्मणी ने कहा कि ‘पहले तो हमने 6 फीट लंबा और 3 फीट चौड़ा ताला बनाया था, लेकिन कुछ लोगों ने इसे बड़ा ताला बनाने का हमे सुझाव दिया, इसलिए ही हमने इस पर अपना काम करना शुरू कर दिया. इस ताले को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है.
यह ताला बनाने में ही करीब 2 लाख रुपये हुए हैं खर्च
आगे सत्यप्रकाश ने बताया कि यह ताला बनाने में उन्हें लगभग 2 लाख रुपये का अभी तक खर्च आया. उन्होंने अपने इस ड्रीम प्रोजेक्ट को हकीकत में बदलने के लिए स्वेच्छा से अपनी पूरी सेविंग्स लगाई है. उन्होंने कहा कि चूंकि मैं दशकों से ही इस तरह के ताला बनाने का व्यवसाय कर रहा हूं, इसलिए मैंने राम मंदिर के लिए यह एक विशाल ताला तैयार करने के बारे में सोचा.उन्होंने कहा कि हमारा शहर तालों के लिए ही जाना जाता है. इससे पहले किसी ने भी ऐसा कोई ताला नहीं बनाया है. वहीं राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी शुक्रवार को कहा कि मंदिर ट्रस्ट अगले साल 21, 22 और 23 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह करेगा, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निमंत्रण भेजा जाएगा.