AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम मंदिर का कुल 155 देश की नदियों के जल से भव्य जल अभिषेक किया जाएगा। यह पूरा कार्यक्रम 23 अप्रैल को होना तय हुआ है। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी आदित्यनाथ के भी शामिल होने की पूरी उम्मीद है। इस कार्यक्रम में पाकिस्तान की रावी नदी के अलावा चीन, यूक्रेन और रूस की नदियों का भी जल लाया गया है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने मिडिया को बताया कि 5 अगस्त 2020 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर का भूमि पूजन किया था। उसी समय ही दिल्ली में भाजपा के पूर्व विधायक विजय जौली ने राम मंदिर का विश्व के सभी देशों के जल से अभिषेक करने की अपनी इच्छा जताई थी। और अब ये इच्छा साकार होने जा रही है।
23 अप्रैल को अक्षय तृतीया के अवसर पर ही 155 देशों के जल वाला कलश रामलला को सौंपा जाएगा। इस कलश को खुद विजय जौली ही ले आएंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र समिति के साथ मिलकर ही ये प्रोग्राम सम्पन्न किया जाएगा।
जाने पाकिस्तान की रावी नदी से जल लाने में ही सबसे ज्यादा परेशानी हुई
भाजपा नेता विजय जौली ने कहा कि जलाभिषेक के इस कार्यक्रम में कई देशों के राजदूत भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। हर देश से आए कलश पर उस देश के झंडे और उसके नाम का स्टिकर भी लगाया गया है, और फिर केसरिया रंग से उसे सजाया गया है। 155 देशों के जल कलश में सबसे ज्यादा मुश्किल हुई पाकिस्तान की रावी नदी से ही जल लाने में हुई है ।
पाकिस्तान के हिंदुओं ने रावी नदी के जल को पहले तो दुबई भेजा फिर यह वहा से दिल्ली लाया गया।विजय जौली ने बताया कि तंजानिया, नाइजीरिया, अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, नेपाल, भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, उज्बेकिस्तान आदि देशों से भी इस कार्यक्रम के लिए जल मंगाया गया है। अंटार्कटिका जो सबसे दुर्गम है वहां से भी राम मंदिर के इस जल अभिषेक के लिए जल लाया गया है। कोरोना काल में भी यह पूरा काम एक दूसरे के संपर्क अप्रवासी भारतीयों के सहयोग से ही चलता रहा है। ये सभी कलश दिल्ली में रखे गए हैं।
जान ले छावनी सभागार में जल कलशों का पूजन होगा
चंपत राय ने बताया कि मणिराम दास जी की छावनी सभागार में इन सभी जल कलशों का पूजन होगा। इस दौरान ही रामकथा सत्संग भवन में एक भव्य कार्यक्रम का भी आयोजन होगा। यहां आने वाले सभी मेहमान जानकी महल ट्रस्ट में ठहरेंगे। वे सभी रामजन्मभूमि पथ से होते हुए ही रामलला के दरबार में पहुंचेंगे।
इसके लिए रूस, यूक्रेन, कजाकिस्तान, तिब्बत से भी आया है जल
सुरीनाम, चीन, यूक्रेन, रूस, कजाकिस्तान, कनाडा, तिब्बत जैसे देशों के नदियों का भी जल अयोध्या लाया जा रहा है। इतने सारे देशों से जल लाने में किन किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा इसके लिए एक शॉर्ट मूवी भी बनाई गई है। जिसे 23 अप्रैल को ही दिखाया जाएगा।
23 अप्रैल के जलाभिषेक कार्यक्रम में विश्व हिन्दू परिषद के नेता दिनेश चंद्र, संघ परिवार के रामलाल, इंद्रेश, पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह आदि प्रमुख रूप से इसमें शामिल हो रहे हैं। इस कार्यक्रम में कई देशों के राजदूत भी शामिल होंगे।
जाने 23 अप्रैल को अभिजीत मुहूर्त
सुबह 11:53 से दोपहर 12:45 तक वजया तिथि है, जिसमें शुभ कार्यों का पूरा योग है। बैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। इसी पक्ष में सीता जी का जन्म जानकी नवमी 29 अप्रैल को है।