AIN NEWS 1: अलीगढ़ में आयोजित एक दावत-ए-वलीमा (रिसेप्शन) उस समय विवादों में घिर गया जब कार्यक्रम में मौजूद कुछ लोगों ने दावा किया कि वहाँ बीफ परोसा जा रहा था। भोजन के लिए लगाए गए काउंटर में कथित रूप से बीफ का स्टिकर लगा देखा गया, जिसके बाद पूरे समारोह का माहौल अचानक तनावपूर्ण हो गया।
बीफ स्टिकर देखकर भड़का विवाद
जानकारी के अनुसार, इस रिसेप्शन में कई स्थानीय भाजपा नेता भी शामिल थे। जैसे ही जवां नगर पंचायत अध्यक्ष के बेटे आकाश ने भोजन काउंटर पर बीफ का स्टिकर देखा, उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि शादी जैसे सामाजिक समारोह में बीफ परोसना धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने जैसा है, और इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।
आकाश ने मामले की गंभीरता देखते हुए वहीं से पुलिस को सूचना दे दी। इसके बाद वे काउंटर का वीडियो बनाकर सबूत जुटाने की कोशिश करने लगे, ताकि पुलिस को पूरा विवरण दिया जा सके।
कैटरिंग कर्मचारियों का विरोध और गरमाया माहौल
लेकिन जैसे ही आकाश वीडियो बनाने लगे, कैटरिंग स्टाफ के कई कर्मचारी भड़क उठे। उन्होंने वीडियो रिकॉर्डिंग का विरोध किया और भाजपा कार्यकर्ताओं से बहस करने लगे। देखते ही देखते यह बहस तेज हो गई और शब्दों का आदान–प्रदान मारपीट में बदल गया।
दोनों पक्ष आमने-सामने, मारपीट में बदला विवाद
मौके पर मौजूद लोगों के अनुसार, कैटरिंग कर्मचारियों और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच अचानक लात-घूँसे चलने लगे। हालात इतने बिगड़ गए कि आस-पास मौजूद मेहमानों में अफरा-तफरी मच गई। कई लोग विवाद को शांत कराने के लिए बीच में आए, लेकिन गुस्से में भरे कर्मचारियों ने उन्हें भी दौड़ा-दौड़ाकर पीटा।
इस दौरान कई लोग घायल हो गए और शादी का माहौल पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। परिवार के लोग भी काफ़ी तनाव में दिखे, क्योंकि यह मामला धार्मिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर संवेदनशील बन चुका था।
पुलिस हस्तक्षेप और घटना की आगे की जांच
सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस टीम मौके पर पहुँची और दोनों पक्षों को अलग कर स्थिति को संभाला। पुलिस ने बताया कि उन्हें भोजन काउंटर पर लगाए गए स्टिकर और मेन्यू की जांच करनी होगी, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वास्तव में बीफ परोसा जा रहा था या मामला किसी गलतफहमी का शिकार हुआ।
पुलिस ने घटना में शामिल लोगों के बयान दर्ज किए हैं और वीडियो फुटेज भी एकत्रित किए जा रहे हैं। प्राथमिक जांच के अनुसार, मामला बेहद संवेदनशील है और सत्यता की पुष्टि के लिए कैटरिंग सर्विस, मेजबान परिवार और गवाहों से पूछताछ की जा रही है।
स्थानीय राजनीति में हलचल
घटना के तुरंत बाद यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कैटरिंग स्टाफ पर हमला करने और धार्मिक भावनाएँ आहत करने का आरोप लगाया है, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग इसे अनावश्यक रूप से बढ़ाया गया विवाद बता रहे हैं।
हालांकि, भाजपा संगठन के स्थानीय नेताओं ने साफ किया है कि सदस्य का विरोध अचानक किसी व्यक्तिगत कारण से नहीं था, बल्कि धार्मिक भावनाओं से जुड़ा मुद्दा देखकर वह रिएक्ट कर गए।
लोगों के बीच भय और असहजता का माहौल
शादी में आए मेहमान इस घटना से बेहद डरे और असहज हो गए। कई परिवारों ने कहा कि वे कभी सोच भी नहीं सकते थे कि एक परिवारिक आयोजन हिंसा और राजनीतिक टकराव का मैदान बन जाएगा। कुछ मेहमानों ने तो यहाँ तक कहा कि यह मुद्दा पहले ही शांतिपूर्वक सुलझाया जा सकता था, लेकिन गुस्से में मामले को हाथ से निकल जाने दिया गया।
सोशल मीडिया पर तंज और नाराज़गी
सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना को लेकर जमकर प्रतिक्रियाएँ दीं। कई लोगों ने भोजन में बीफ परोसे जाने पर नाराज़गी जताई, जबकि अन्य ने कहा कि मारपीट किसी भी बात का समाधान नहीं हो सकता। कुछ उपयोगकर्ताओं ने कैटरिंग टीम के व्यवहार पर सवाल उठाए, तो कुछ ने अत्यधिक राजनीतिक प्रतिक्रिया को गलत बताया।
आगे क्या?
फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। यदि वास्तव में बीफ परोसा गया था, तो आयोजकों और कैटरिंग टीम के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। वहीं, यदि यह केवल गलतफहमी साबित होती है, तो झगड़ा शुरू करने वालों पर भी कार्रवाई संभव है।
यह घटना एक बार फिर इस बात को उजागर करती है कि सामाजिक कार्यक्रमों में धार्मिक भावनाओं से जुड़े मामलों को बेहद सावधानी से संभालना चाहिए। छोटी सी चूक भी बड़े विवाद का रूप ले सकती है और लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है।
The Aligarh wedding beef controversy gained widespread attention after a BJP leader’s son was assaulted for objecting to an alleged beef counter set up at a wedding reception. The incident escalated into a violent clash between BJP workers and catering staff, leading to chaos and injuries. This shocking Uttar Pradesh controversy has sparked debates over food practices, religious sentiments, and law-and-order issues at public events.



















