AIN NEWS 1 नई दिल्ली: पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव को आईआरसीटीसी (IRCTC) घोटाला मामले में बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी (धारा 420) के तहत आरोप तय कर दिए हैं।
यह मामला उस समय का है जब लालू यादव 2004 से 2009 के बीच यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे। आरोप है कि उन्होंने रेलवे में नौकरी देने के बदले कई लोगों की कीमती जमीन अपने या अपने परिवार के नाम पर ट्रांसफर करवाई थी।
क्या है पूरा मामला?
सीबीआई की जांच के अनुसार, लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेलवे में नौकरी पाने के इच्छुक गरीब उम्मीदवारों से कहा कि यदि वे अपनी जमीन उनके परिवार या नजदीकी लोगों के नाम कर देंगे तो उन्हें नौकरी मिल जाएगी।
जांच एजेंसियों का दावा है कि “रेलवे में नौकरी के बदले जमीन” योजना के तहत कई लोगों से बेहद कम कीमत पर उनकी जमीनें ली गईं और इसके बदले उन्हें रेलवे में क्लास-4 की नौकरियां दी गईं।
सीबीआई के मुताबिक, यह मामला बिहार और झारखंड के कई इलाकों से जुड़ा है। जब लालू यादव रेल मंत्री थे, तब आईआरसीटीसी के दो होटल—पुरी और रांची—के टेंडर में भी अनियमितताएं की गईं। यही वजह है कि इस घोटाले को आईआरसीटीसी घोटाला कहा जा रहा है।
कोर्ट में क्या हुआ?
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को कहा कि सीबीआई द्वारा पेश किए गए दस्तावेज़ों और साक्ष्यों से प्राथमिक दृष्टि में आरोप साबित होते हैं, इसलिए लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, और बेटी मीसा भारती समेत कई आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए जाते हैं।
कोर्ट के आदेश के बाद अब इस मामले में ट्रायल (Trial) शुरू होगा।
अदालत ने साफ कहा कि आरोपियों को अपने बचाव में पर्याप्त मौका दिया जाएगा, लेकिन अब उन्हें कानून की प्रक्रिया का सामना करना होगा।
लालू यादव और परिवार की प्रतिक्रिया
राउज एवेन्यू कोर्ट के फैसले के बाद लालू यादव के परिवार की ओर से बयान जारी किया गया।
राबड़ी देवी ने कहा, “हमने कोई गलत काम नहीं किया है। यह राजनीतिक साजिश है। जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, तब ऐसे मामले सामने लाए जाते हैं।”
वहीं, आरजेडी नेताओं का कहना है कि यह केस राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है और केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है।
सीबीआई और ईडी की जांच
इस मामले में सीबीआई (CBI) ने 2018 में प्राथमिकी दर्ज की थी।
बाद में ईडी (Enforcement Directorate) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू से जांच शुरू की।
जांच में खुलासा हुआ कि जमीनों को बहुत कम दाम पर खरीदा गया और बाद में इन्हें बाजार मूल्य पर बेचकर भारी मुनाफा कमाया गया।
ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह लेन-देन फर्जी कंपनियों और फ्रंट पर्सन के माध्यम से किया गया ताकि असली मालिकों के नाम छिपाए जा सकें।
इन सभी आरोपों में अब अदालत ने लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ औपचारिक रूप से चार्ज फ्रेम कर दिए हैं।
पिछले मामलों में लालू यादव
यह पहली बार नहीं है जब लालू प्रसाद यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हों।
इससे पहले भी उन्हें चारा घोटाले के कई मामलों में सजा हो चुकी है।
हालांकि, स्वास्थ्य कारणों से उन्हें बाद में जमानत मिल गई थी।
आईआरसीटीसी घोटाले का मामला भी अब उन्हीं के राजनीतिक जीवन का एक और बड़ा कानूनी मोड़ बन गया है।
आगे क्या होगा?
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि अब इस केस में सबूतों और गवाहों की जांच होगी।
यदि अदालत को आरोप सही लगते हैं, तो लालू यादव को एक बार फिर जेल की सजा हो सकती है।
हालांकि, अदालत में अब तक आरोप सिद्ध नहीं हुए हैं और ट्रायल के बाद ही अंतिम फैसला आएगा।
इस बीच, आरजेडी समर्थक इसे राजनीतिक साजिश बताकर केंद्र सरकार पर हमला कर रहे हैं, जबकि विरोधी दल इसे “भ्रष्टाचार का सबूत” कह रहे हैं।
आईआरसीटीसी घोटाला मामला न सिर्फ एक भ्रष्टाचार की कहानी है, बल्कि यह इस बात का उदाहरण भी है कि कैसे सत्ता में रहते हुए नेताओं पर अधिकारों के दुरुपयोग के आरोप लगते रहे हैं।
लालू यादव, जो कभी “रेल मंत्री” के तौर पर जनता के प्रिय थे, आज अदालत में अपने बचाव के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
अब देश की निगाहें अदालत के आने वाले फैसले पर टिकी हैं, जो उनके राजनीतिक भविष्य को तय करेगा।
In a major setback for RJD chief Lalu Prasad Yadav, the Delhi Rouse Avenue Court has framed charges under Section 420 in the IRCTC scam case. The former Railway Minister is accused of taking land from poor people in exchange for railway jobs during 2004–2009 when he served in the UPA government. The CBI investigation and ED probe reveal alleged corruption, money laundering, and misuse of official position. This land-for-job scam could have a serious impact on Indian politics and Lalu Yadav’s political career.