AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के आगरा के एत्माद्दौला में हुई गोकशी की घटना की साजिश में अब अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारियों के शामिल होने के किए गए पुलिस के दावे पर काफ़ी ज्यादा सवाल उठाए गए हैं। महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट का इस मामले मे कहना है कि पुलिस ने दो गोकशों की इसमें गिरफ्तारी दिखाई। और तीन फरार दिखाए। इनमें एक झल्लू पहले से ही जेल में बंद है। तो पुलिस ने उसे मौके से फरार कैसे दिखा दिया, यह एक सवाल है। इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।
जान ले ये है पूरा मामला
एत्माद्दौला के गौतम नगर में 29 मार्च की रात को एक गोकशी की घटना हुई थी। और मौके पर अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारी पहुंचे थे। उन्होने कार्रवाई की मांग की थी। इस मामले में छह अप्रैल को पुलिस ने एक प्रेसवार्ता कर इस घटना का खुलासा किया। संजय जाट ने बताया कि प्रेसनोट में पुलिस द्वारा लिखाया गया कि पांच अप्रैल की रात को पुलिस को सूचना मिली कि गोकशी के आरोपी मछली वाली पुलिया पर ही खड़े हैं। एक स्कूटी और बुलट बाइक पर कुल पांच आरोपी खड़े थे। पुलिस ने उनकी घेराबंदी कर दो को मौके पर पकड़ा। उनकी स्कूटी फिसल गई थी। दो आरोपियों में इमरान कुरैशी और शानू उर्फ इल्ली भी थे। पुलिस ने इस मामले में मौके से झल्लू, शानू और सलमान को फरार दिखाया। गोकशी की साजिश में संजय जाट, सौरभ शर्मा, बृजेश भदौरिया और शानू उर्फ अजय को भी शामिल दर्शाया।
जाने झल्लू समर्पण कर गया जेल
इस मामले में संजय जाट का दावा है कि झल्लू तो जेल में है। वह पांच अप्रैल की सुबह कोर्ट में समर्पण कर जेल गया था। उसने वर्ष 2012 के एक मुकदमे में समर्पण किया। पुलिस ने जिस समय उसे फरार दिखाया, वह तो जेल में बंद था। इससे पुलिस का किया गया खुलासा फर्जी हो जाता है। उन पर लगे आरोप बिलकुल गलत हैं। पुलिस ने इल्ली को दो अप्रैल को पकड़ा था। उन्होंने इल्ली के बारे में पुलिस को इसकी सूचना दी थी। पुलिस के कहने पर ही गोकशों ने महासभा के पदाधिकारियों के भी नाम बोले।
जाने पर्याप्त साक्ष्य हैं पुलिस के पास
एसीपी छत्ता आर के सिंह ने बताया कि पुलिस के पास काफ़ी पर्याप्त साक्ष्य हैं। झल्लू का नाम गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में ही बताया था। गोकशी की साजिश में संजय जाट आदि शामिल हैं। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।