&
अप्रैल में देश के अलग अलग हिस्सों से इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आईं थीं। इन घटनाओं का सरकार ने संज्ञान लेकर जांच शुरु करने का एलान किया था। लेकिन आग लगने की इन घटनाओं के असर से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में अप्रैल में मार्च के मुकाबले मामूली रुप से घट गई है।JMK रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल में इलेक्ट्रिक वाहनों के रजिस्ट्रेशन में 6 फीसदी की गिरावट आई है। अप्रैल में 72 हज़ार 519 EVs का रजिस्ट्रेशन हुआ था जबकि मार्च में 77 हज़ार 243 EVs का रजिस्ट्रेशन हुआ। जबकि अप्रैल 2021 के 14 हज़ार 179 के मुकाबले इस साल अप्रैल में वाहनों का रजिस्ट्रेशन 5 गुना बढ़ गया है। अगर अलग अलग सेगमेंट्स में बिक्री में आई गिरावट पर नजर डालें तो अप्रैल में इलेक्ट्रिक 2 व्हीलर्स का रजिस्ट्रेशन 49 हज़ार 141 यूनिट्स रहा जो मार्च में 49 हज़ार 491 यूनिट्स था। इलेक्ट्रिक कारों का रजिस्ट्रेशन 26 फीसदी घटकर 2659 यूनिट्स पर आ गया। हालांकि अप्रैल 2021 से ये 345 फीसदी बढ़ा है। हालांकि EVs की बिक्री घटने की अकेली वजह आग लगने की घटनाएं नहीं थीं। सप्लाई चेन में ब्रेक लगने से भी वाहनों की सप्लाई डिमांड को मैच नहीं कर पा रही है। सेमीकंडक्टर के संकट से परेशान कंपनियों के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध ने हालात ज्यादा गंभीर बना दिए हैं। इससे ग्राहकों को लंबी वेटिंग के बाद वाहनों की डिलीवरी मिल रही है। अप्रैल में तो पुराने स्टॉक और किसी तरह से चिप्स का आयात करके प्रॉडक्शन को बनाए रखने में सफलता हासिल कर ली लेकिन आगे हालात ज्यादा नाजुक होने की आशंका है। इसके साथ ही आग लगने की घटनाओं से लोगों के मन में जो डर बैठा है वो केवल ओला, प्योर EV और ओकिनावा के रीकॉल से दूर नहीं होगा। सरकार को आग लगने के कारणों की तह में जाकर इसे सार्वजनिक करना होगा जिससे लोगों के मन की शंका को दूर किया जा सके। बहरहाल अगर अप्रैल में अलग अलग कैटेगरीज की EV बिक्री में हिस्सेदारी को देखें तो पिछले महीने 2 और 3 व्हीलर्स की कुल रजिस्ट्रेशंस में 93 फीसदी हिस्सेदारी रही। जबकि इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी 4 परसेंट रही। वहीं कार्गो जैसे इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर्स की हिस्सेदारी 3 परसेंट रही। ऐस में अगर आग लगने के सही कारण सामने आ जाएं और आगे इस तरह की घटनाओं पर रोक लग जाए तो फिर हालात बदलते देर नहीं लगेगी।