Friday, December 27, 2024

आज हम आपको बताते हैं कौन है ये गुड्डू मुस्लिम, जिसका अपनी हत्या से ठीक पहले अशरफ ने लिया था नाम ? जानें इसकी पूरी कहानी!

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AIN NEWS 1: प्रयागराज में पिछले कुछ दसक पहले माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात को गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस पूरी वारदात को अंजाम देने वाले तीन आरोपी अब पुलिस की गिरफ्त में हैं। इस घटना के वक्त अतीक और अशरफ कुछ मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब दे रहे थे। अशरफ ने एक सवाल के जवाब में गुड्डू मुस्लिम का नाम लिया लिया ही था। वैसे ही अशरफ ने कहा, ‘मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम…’ तभी उसके बगल में खड़े अतीक अहमद को एक हमलावरों ने सिर से सटाकर गोली मार दी। और जब तक कोई कुछ भी समझ पाता, तब तक हमलावरों ने अशरफ को भी ताबड़ तोड़ गोलियां गोली मार दी। दोनों की ही मौके पर ही मौत हो गई। ऐसे में आज हम आपको उसी गुड्डू मुस्लिम की कहानी बताएंगे जिसका मरने से ठीक पहले अशरफ ने मिडिया के सामने नाम लिया। ये बताएंगे कि आखिर वो गुड्डू मुस्लिम है कौन? इन दोनों अतीक और अशरफ से उसके क्या संबंध हैं?

अब आइए जानते हैं…क्यों चर्चा में है गुड्डू मुस्लिम? 

वैसे तो उमेश पाल हत्याकांड से जुड़े कई किरदार अब तक सामने आ चुके हैं। हत्या में शामिल चार आरोपी पुलिस मुठभेड़ में अभी तक मारे जा चुके हैं। इनमें से एक अतीक अहमद का बेटा असद अहमद भी है। इसके अलावा मुख्य साजिशकर्ता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार की रात गोली मारकर हत्या भी कर दी गई। अतीक का ही एक दूसरा बेटा भी नैनी जेल में अभी बंद है। और उसके दो नाबालिग बेटे बाल सुधार गृह में हैं। वहीं, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन अब भी फरार ही चल रही है। अतीक की बहन नूरी और उसकी दो बेटियां, अशरफ की पत्नी जैनब भी अभी तक फरार चल रही है। और पुलिस को इनकी तलाश है। इन सबके अलावा ही एक और नाम है, जिसकी सबसे ज्यादा चर्चा है। वह नाम ही है गुड्डू मुस्लिम का। ये वही गुड्डू मुस्लिम है, जिसका अशरफ ने मरने से ठीक पहले मिडिया के सामने नाम लिया था। आओ अब आपको गुड्डू मुस्लिम के कारनामे भी बता देते हैं। दरअसल, यही है वह गुड्डू मुस्लिम है, जिसने उमेश पाल की हत्या के दौरान एक के बाद एक उनके ऊपर कई बम धमाके किए थे। इस गुड्डू मुस्लिम को ही बमबाज गुड्डू भी बोलते हैं। असद के एनकाउंटर के बाद से ही गुड्डू को पकड़ने की कोशिशें काफ़ी तेज हो गई हैं। अफवाह तो उसके भी एनकाउंटर की ही थी, लेकिन बाद में यूपी पुलिस ने इसे सिरे से खारिज कर दिया।

इसका प्रयागराज में हुआ जन्म, स्कूल से ही शुरू कर दी थी बदमाशी

गुड्डू मुस्लिम को जानने वाले लोग साफ़ बताते हैं कि वह शुरू से ही एक बदमाश था। इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में ही उसका जन्म हुआ था। स्कूली दिनों से ही वह लूट और रंगदारी जैसे वसूलने जैसे कांड में शामिल होने लगा। इसी दौरान कई बड़े बदमाशों के वह संपर्क में आया। बताया जाता है कि तब से ही वह कई तरह के बम भी बनाने लगा। हर रोज गुंडागर्दी और मारपीट की उसकी शिकायतों से परेशान होकर उसके घरवालों ने उसे पढ़ने के लिए लखनऊ भेज दिया। लेकिन यहां से गुड्डू मुस्लिम ने कई बड़े अपराध को ही अंजाम देना शुरू कर दिया। बताया जाता है कि यहां उसकी मुलाकात पूर्वांचल के ही दो बाहुबली नेताओं अभय सिंह और धनंजय सिंह से हुई। उन दिनों ये दोनो भी लखनऊ यूनिवर्सिटी में ही पढ़ा करते थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुड्डू मुस्लिम का नाम पहली बार तब से चर्चा में आया। जब उसने 1997 में लखनऊ के चर्चित लामार्टीनियर स्कूल के गेम टीचर फेड्रिक जे गोम्स की बेरहमी से हत्या कर दी। इस मामले में गुड्डू उस समय गिरफ्तार भी हुआ था। गुड्डू के साथ राजा भार्गव और धनंजय सिंह को भी इस मामले में उसके साथ आरोपी बनाया गया था। कहा तो ये भी जाता है कि पुलिस के सामने ही गुड्डू ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया था, लेकिन इसके बावजूद भी कोर्ट में पुलिस तीनों को दोषी साबित ही नहीं कर पाई। और तीनों ही बरी हो गए।

इस दौरान गुड्डू ने एक और हत्या का जुर्म भी कबूला था। तब उसने बताया था कि फैजाबाद के ठेकेदार संतोष सिंह को भी उसी ने मारा था। गुड्डू ने ये भी बताया कि कैसे संतोष को उसने जहर दिया और उसकी लाश को रायबरेली में ही छोड़ दी। इसके बाद उसकी कार, राइफल और पैसे भी उसने लूट लिए। इसी हत्या के बाद अभय और धनंजय के बीच भी काफ़ी दुश्मनी बढ़ी। 26 साल बाद भी वो एक दूसरे के ही दुश्मन हैं। इस हत्या के बाद से ही गुड्डू और धनंजय का और भी ज्यादा करीबी हो गया। लखनऊ में रहते हुए गुड्डू जुर्म की दुनिया का एक काफ़ी बड़ा नाम बन गया। उन दिनों लखनऊ में एक और नाम की पूरी तूती बोलती थी। वह नाम था, बाहुबली विधायक अजीत सिंह का। रेलवे मोबाइल टॉवर लगाने के सभी ठेके केवल अजीत को ही मिलते थे। लेकीन धनंजय इन ठेकों को हासिल करना चाहता था और इसके लिए उसने गुड्डू का पूरा सहारा लिया। कहा जाता है कि गुड्डू ने विभाग के अधिकारियों को अपहरण करना भी शुरू कर दिया। उन्हें हत्या की धमकी तक देकर वह टेंडर अपने कब्जे में ले लेता था। अब गुड्डू कोई भी टेंडर पूल कराने वाला एक बड़ा नाम बन चुका था। उसके एक ही इशारे पर सरकारी टेंडर यहां से वहां हो जाते थे। साल 1997 में बसपा सरकार के दौरान ही राज्य निर्माण निगम के इंजीनियर को बीच सड़क पर गुड्डू ने ताबड़तोड़ गोलियों से भून दिया गया।

इस हत्या में धनंजयसिंह  के साथ गुड्डू मुस्लिम भी मुख्य आरोपी बनाया गया था।सरकारी टेंडर कब्जा करने के दौरान ही उसकी पहचान यूपी के काफ़ी बड़े माफियाओं में शुमार श्रीप्रकाश शुक्ल से हुई। धीरे-धीरे गुड्डू श्रीप्रकाश शुक्ल के काफी करीब पहुंच गया। श्रीप्रकाश को वह अपना गुरू भी मानने लगा था। श्रीप्रकाश के एनकाउंटर के बाद से ही गुड्डू गोरखपुर के माफिया परवेज टाडा के संपर्क में आया। यह परवेज ISI का एजेंट था और जाली नोटों की बड़ी तस्करी करता था। परवेज से गुड्डू की मुलाकात भी श्रीप्रकाश ने ही करवाई थी। गुड्डू इसी परवेज के लिए बम बनाने का काम करने लगा। इसके बाद परवेज ने गुड्डू की मुलाकात बिहार के काफ़ी चर्चित माफिया उदयभान से करवा दी। गुड्डू को वैसे ही यूपी पुलिस ढूंढ रही थी। इससे बचने के लिए वह उदयभान के यहां बिहार पहुंच गया था। बिहार में भी उसने कई बड़े अपराधों को भी अंजाम दिया। साल 2001 में गोरखपुर पुलिस ने उसे पटना के बेउर जेल के सामने से ही गिरफ्तार कर लिया। कहा जाता है कि गुड्डू को तब अतीक अहमद ने ही इस जेल से छुड़वाया था। इसके बाद से वह अतीक अहमद के लिए ही काम करने लगा। धीरे-धीरे गुड्डू अतीक का बेहद ज्यादा खास बन गया। अतीक के पूरे गैंग की जिम्मेदारी गुड्डू ही संभालने लगा।

तब फिर हुई विधायक राजू पाल की निर्मम हत्या

साल 2005 में बसपा विधायक राजू पाल को कुछ लोगो ने दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया था। इस मामले में भी गुड्डू मुस्लिम का नाम उस समय सामने आया था। सीबीसीआईडी ने गुड्डू को इस मामले मे आरोपी बनाया। उसके खिलाफ एक चार्जशीट दाखिल की। उसके बाद जब अतीक को पकड़ा गया, तब गुड्डू अंडरग्राउंड हो गया। अंडरग्राउंड रहते हुए ही उसने अपना रियल स्टेट का भी कारोबार किया। अतीक गैंग को भी वह संभालता था।

जाने इसने ही उमेश पाल पर बरसाए थे कई बम  

उमेश पाल हत्याकांड के बाद कई सीसीटीवी फुटेज जब सामने आए। तो इनमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे गुड्डू मुस्लिम एक के बाद एक बम उमेश और उनके गनर्स पर फेंक रहा है। गुड्डू के साथियों ने जब उमेश पर गोलियां बरसानी शुरू की तो वह जमीन पर नीचे गिर गया। उसके कुछ देर में ही उमेश उठ कर घर की तरफ भागे तो गुड्डू ने कूद कर उनकी तरफ एक बम फेंका। गुड्डू ने घर के अंदर घुसकर भी काफ़ी बमबाजी की। उसने गली की दीवारों और उन घायलों पर भी बम फेंके।

इस उमेश की हत्या की खौफनाक वारदात को अंजाम देने के बाद से ही गुड्डू मुस्लिम और उसके साथी भी फरार हैं। असद और गुलाम को एनकाउंटर में मारने के बाद से अब यूपी एसटीएफ ने गुड्डू मुस्लिम की तलाश भी काफ़ी तेज कर दी है। गुड्डू के कई ठिकानों पर पुलिस ने शुक्रवार को भी देर रात तक छापेमारी की।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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