AIN NEWS 1 मुंबई, महाराष्ट्र: शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने महायुति द्वारा पेश की गई रिपोर्ट कार्ड को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट कार्ड नहीं, बल्कि “डिपोर्ट कार्ड” होना चाहिए। ठाकरे ने कहा कि मुंबई की आर्थिक गतिविधियों, जैसे हीरे का व्यापार, को नष्ट किया जा रहा है।
आदित्य ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान धरावी विकास परियोजना पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस परियोजना से अडानी समूह को 50,000 करोड़ रुपये का लाभ हुआ है। इसके अंतर्गत विभिन्न स्थानों पर बड़ी मात्रा में भूमि आवंटित की गई है, जिसमें 21 एकड़ कुर्ला, 140 एकड़ महाद, और 124 एकड़ डियोनर शामिल हैं। इस परियोजना के कारण लगभग 1.5 लाख लोग बेघर होने की कगार पर हैं।
ठाकरे ने कहा कि उनकी प्राथमिकता रोजगार सृजन होगी। उन्होंने वादा किया कि अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है, तो वे इस विकास परियोजना को रद्द करेंगे, ताकि लोगों की भूमि और घरों की रक्षा की जा सके।
आदित्य ठाकरे ने आगे कहा कि वर्तमान सरकार की नीतियों ने आम जनता को नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने मांग की कि सरकार को लोगों की आवाज सुननी चाहिए और विकास के नाम पर होने वाली अनियमितताओं पर ध्यान देना चाहिए।
यह बयान उन चुनौतियों की ओर इशारा करता है, जिनका सामना मुंबई के नागरिक कर रहे हैं। आदित्य ठाकरे का यह बयान उनके आगामी चुनावी अभियान का हिस्सा है, जिसमें वे अपने वादों के माध्यम से मतदाताओं को आकर्षित करना चाहते हैं।
अंत में, ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार का मुख्य उद्देश्य लोगों की भलाई और स्थायी विकास होगा। उन्होंने जनता से अपील की कि वे उन्हें समर्थन दें, ताकि वे एक मजबूत और समर्पित सरकार का निर्माण कर सकें।