AIN NEWS 1: मुंबई महानगर में स्थित अमेरिकी स्कूल उड़ाने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किए गए सॉफ्टवेयर इंजीनियर अनीस अंसारी को मुंबई की एक अदालत ने शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साइबर आतंकवाद का यह पहला मामला है जिसमें अब आरोपी को उम्रकैद की सजा हुई है। सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एए जोगलेकर ने उसे आईपीसी के साथ सूचना तकनीक की धाराओं के तहत भी दोषी करार दिया है। उम्रकैद की सजा के साथ उस पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी अलग से लगाया गया है।
अंसारी को आतंकवाद निरोधक दस्ते ने अक्टूबर 2014 में ही गिरफ्तार किया था और तभी से वह जेल में है। आरोप था कि अंसारी मुंबई के बांद्रा कुर्ला काम्प्लेक्स इलाके में स्थित अमेरिकी स्कूल पर ‘लोन वूल्फ अटैक’ करने की पूरी तैयारी कर रहा था। बता दें कि आतंकी संगठन लोगों को भड़काकर उन्हें ‘लोन वूल्फ अटैक’ के लिए तैयार करते हैं जिसके तहत कोई अकेला व्यक्ति हमला कर ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान लेने की कोशिश करता है।
बता दें एक निजी कंपनी में एसोसिएट जियोग्राफिक टेक्नीशियन के तौर पर काम करने वाले अंसारी ने ऑफिस के कंप्यूटर से फेसबुक पर उमर एल्हाजी नाम के व्यक्ति से साथ चैटिंग की थी जिससे पता चलता है कि वह अमेरिकी स्कूल पर हमले की पूरी तैयारी कर रहा था। सोशल मीडिया एकाउंट के जरिए उसने आपत्तिजनक सूचनाएं भी प्रकाशित की थी। एटीएस ने दावा किया था कि अंसारी आईएसआईएस की गतिविधियों का समर्थक था और आतंकी संगठन से जुड़े लोगों के इशारे पर ही मुंबई में अमेरिकी स्कूल पर हमले की तैयारी कर रहा था। जांच एजेंसी ने अदालत के सामने चैट को सबूत के तौर पर पेश भी किया था। विशेष सरकारी वकील मधुकर दलवी ने 28 गवाहों के बयान और दूसरे सबूतों के आधार पर आरोपी को उम्रकैद की सजा देने की मांग की थी। वहीं अंसारी के वकील शरीफ शेख ने इस आधार पर राहत की मांग की थी कि 2014 में अपराध के समय वह केवल 20 साल का ही था। पिछले 8 सालों से वह जेल में है। उसने अपराध को अंजाम नहीं दिया था और उसका कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं है।