AIN NEWS 1: देश की सबसे पहली रैपिड रेल की शुरुआत अब जल्द ही होने जा रही है. इसके पहले सेक्शन की शुरुआत अब किसी भी दिन कभी भी हो सकती है. रैपिड रेल पर आए अब लेटेस्ट अपडेट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट का सबसे पहला हिस्सा इसी महीने से शुरू होगा. नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की मानें तो दिल्ली एनसीआर के रैपिड रेल के पूरे कॉरिडोर की देखभाल करने वाली नोडल एजेंसी, इसके 17 किलोमीटर के पहले खंड को इसी महीने से शुरू कर सकती है.
हमारे आधिकारिक सूत्रों की मानें तो मेरठ-दिल्ली रैपिड रेल के पहले फेज के उद्घाटन के लिए पीएमओ से अभी संपर्क किया गया है. हालांकि, अभी पीएमओ की ओर से इसके उद्घाटन की कोई भी तारीख तय नहीं की गई है, लेकिन माना ऐसा जा रहा है कि इसी महीने में इसके सबसे पहले सेक्शन का उद्घाटन जल्द ही हो जाएगा.इसका पहला सेक्शन गाजियाबाद के ही दुहाई से साहिबाबाद तक ही शुरु होगा है जो की लगभग 17 किलोमीटर का है. इसके बीच में कुल 5 स्टेशन हैं. साहिबाबाद,गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो . यह पूरा दिल्ली से मेरठ तक का रूट कुल 82 किलोमीटर का है, जिसमें से 14 किलोमीटर हिस्सा उत्तर प्रदेश में ही है, जबकि दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ तक कुल 25 स्टेशन हैं. पहले चरण के बाद इस प्रोजेक्ट को दुहाई से मेरठ तक ही बढ़ाया जाएगा. मेरठ साउथ तक इसके दूसरे चरण में कार्य होगा, इसके तीसरे चरण में साहिबाबाद से दिल्ली के बीच में ही कार्य पूरा होगा. वर्ष 2025 में रैपिड रेल पूरी तरह से दिल्ली से मेरठ के बीच दौड़ती नजर आएगी. यह पूरा सफर महज 55 मिनट में ही पूरा हो जाएगा.
आईए जानें रैपिड रेल के सभी फीचर्स
आरआरटीएस ट्रेन के सभी डिब्बों में बैठने के लिए आमने-सामने ही 2×2 सीटें होंगी. इसके अलावा, यात्री इसमें खड़े होकर भी सफर कर सकेंगे. इसके ऑटोमेटिक प्लग-इन दरवाजों के अलावा रैपिड रेल में जरूरत के आधार पर ही चुनिंदा दरवाजों को खोलने के लिए भी पुश बटन होंगे. हर स्टेशन पर इसके सभी दरवाजे खोलने की जरूरत नहीं होगी. इससे इसकी एनर्जी की भी बचत होगी. आरआरटीएस ट्रेनों में काफ़ी विशाल, आरामदायक और झुकी हुई सीटें भी होंगी. इसके अलावा, इसकी हर ट्रेन में एक डिब्बा महिलाओं के लिए भी रिजर्व्ड रहेगा. प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर भी प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (पीएसडी) भी लगाए जाएंगे और ट्रेनों के दरवाजों को इस पीएसडी से भी जोड़ा जाएगा. ऐसा होने से ही यात्रियों के पटरी पर गिरने जैसी दुर्घटनाओं को भी पूरी तरह से खत्म किया जा सकेगा.
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