AIN NEWS 1: जैसा कि आप जानते हैं अभी फरवरी का ही महीना चल रहा है और पूरे देशभर के कई राज्यों में अभी से ही रिकॉर्डतोड़ गर्मी पड़ने लगी है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंगलवार को अधिकतम तापमान 31.4 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया था, जबकि सोमवार को अधिकतम तापमान 33.6 डिग्री तक था. वहीं, कुछ राज्यों में तो तापमान 35 डिग्री से ऊपर भी पहुंच गया है. इस बीच ही भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने भी अपनी चेतावनी दी है और बताया है कि आने वाले दिनो में अभी हिटवेव की वजह से तापमान और ज्यादा रिकॉर्ड तोड़ हो सकता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि फरवरी महीने में ही इतनी ज्यादा गर्मी आख़िर क्यों पड़ने लगी है.
आख़िर फरवरी में ही क्यों पड़ने लगी इतनी गर्मी?
फरवरी के महीने में अक्सर लोगों को पहले ठंड का अहसास होता था, लेकिन इस बार मौसम ने अपना अलग ही रूप दिखाया है और एक बेहद अजीब परिवर्तन अब देखने को मिल रहा है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, इस बार तापमान में बढ़ोतरी की कई सारी वजहें हो सकती हैं. मौसम विभाग ने बताया कि साफ आसमान, हवा की धीमी रफ्तार और दक्षिण-पूर्व की तरफ हवा की दिशा का बराबर बदलना तापमान में बढ़ोतरी के अहम कारण हो सकते हैं. इसके साथ ही मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के एक्टिव नहीं होने की वजह से भी यह तापमान में बढ़ोतरी देखी जाती है.
अब तो दिल्ली में भी न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके निकटवर्ती इलाकों में आज यानी (22 फरवरी) सुबह बहुत घना कोहरा छाया रहा, जो इस महीने में असामान्य बात है. इस वजह से न्यूनतम तापमान में थोड़ी तो गिरावट देखी गई और दिल्ली में न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक 14.6 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया.भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के बताया कि यह घना कोहरा इसलिए भी असामान्य है क्योंकि राजधानी में पिछले कुछ दिनों से ही तापमान सामान्य से अधिक दर्ज किया जा रहा है. राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला में सोमवार को अधिकतम तापमान सामान्य से नौ डिग्री अधिक 33.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था और यह 1969 के बाद से अभी तक फरवरी का यह तीसरा सबसे गर्म दिन रहा. और दिल्ली में मंगलवार को अधिकतम तापमान 31.4 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया था, जो सामान्य से सात डिग्री अधिक तक रहा. एक वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि यह तापमान अक्सर मार्च के शुरुआती 15 दिन में देखा जाता है.