AIN NEWS 1: सोने की कीमतों में तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में अनुमान है कि अगर महंगाई बरकरार रही और केंद्रीय बैंक आगे ब्याज दरों को बढ़ाने में असमंजस की स्थिति में रहते हैं, तो सोने की कीमतों में 2023 में शानदार तेजी देखने को मिलेगी। जिस तरह से हाल ही में अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट उभरा है उससे सोने में भारी निवेश देखने को मिल सकता है। केंद्रीय बैंकों की बात करें, तो वो गोल्ड में लंबे समय तक निवेश करने का मन बना रहे हैं। अब तक खनन किये गए सोने का लगभग पांचवां हिस्सा केवल केंद्रीय बैंकों के पास है।
पिछले साल केंद्रीय बैंकों ने खरीदा 1136 टन गोल्ड
पिछले साल दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों ने 1136 टन गोल्ड खरीदा था। उन्होंने 1967 के बाद से ये सबसे तेज रफ्तार से सोना खरीदा था। 2022 की आखिरी तिमाही में उन्होंने 417 टन गोल्ड खरीदा। साथ ही दूसरी छमाही में उन्होंने 862 टन गोल्ड खरीदा था। तुर्की, भारत, उज्बेकिस्तान और कई दूसरे उभरते बाजार गोल्ड के सबसे बड़े खरीदार थे। चीन, जिसने हाल ही में स्वर्ण भंडार पब्लिश करना शुरू किया है, वो भी खरीदार बना हुआ है। किटको की रिपोर्ट के अनुसार, पीबीओसी ने इस खरीदारी चक्र में 102 टन सोना खरीदा है।
केंद्रीय बैंक क्यों खरीद रहे सोना
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक केंद्रीय बैंकों के सोना खरीदने के पीछे दो प्रमुख वजह हैं। पहली वजह है कि इसका संकट के समय प्रदर्शन काफी बेहतर है। दूसरी वजह है कि धन को लंबे समय तक स्टोर कर रखने का इसका गुण। 2023 में भी कई वैश्विक आर्थिक संकट देखे जा रहे हैं। ऐसे में दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों से सोने की डिमांड बनी रहने का अनमुान है। इसके अलावा, घाना जैसा देश फ्यूल के लिए सोने की अदला-बदली के लिए दुबई के तेल रिफाइनर से बात कर रहा है। आगे कई दूसरे देशों को भी सोने के साथ वस्तुओं का आदान-प्रदान करते देखा जा सकता है। ये पेट्रोडॉलर सिस्टम के लिए एक रिस्क है।
गोल्ड होल्डिंग बढ़ाने पर जोर
उभरते बाजारों के सेंट्रल बैंकों के पास उनके भंडार का औसतन दो-तिहाई डॉलर एसेट्स या करेंसीज होती हैं और 5 फीसदी से कम गोल्ड होता है। अब वो इस रेश्यो को बदलने पर विचार कर रहे हैं। वो डॉलर की कम और गोल्ड की ज्यादा होल्डिंग चाहते हैं। आरबीआई की एफएक्स रिजर्व होल्डिंग्स में इसे देखा जा सकता है। पिछले 5 साल में आरबीआई ने अपनी डॉलर होल्डिंग में लगातार कमी की है और गोल्ड वेटेज को 5.06 परसेंट से बढ़ाकर 7.86 फीसदी कर दिया है।
भारत के पास दुनिया का 8% गोल्ड रिज़र्व
हाल के आंकड़ों के मुताबिक भारत के पास दुनिया के कुल गोल्ड डिपॉजिट का 8% है। मात्रा के हिसाब से देखें, तो पहली तिमाही में भारत का कुल स्वर्ण भंडार 760.42 टन, 2022 की दूसरी तिमाही में 767.89 टन, 2022 की तीसरी तिमाही में 785.35 टन और 2022 की चौथी तिमाही में 787.40 टन था। इसलिए आरबीआई की गोल्ड खरीदारी 2023 में भी जारी रह सकती है। भारत के गोल्ड रिजर्व में इस साल 10 से 12 फीसदी उछाल देखा जा सकता है।
भारतीय घरों में 27,000 टन सोना
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक भारत दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड एक्यूमुलेटर है। भारत के घरों में ही करीब 25,000 से 27,000 टन सोना है। वहीं, देश के मंदिरों के पास 3,000 से 4,000 टन सोना होने की संभावना है। सोने के दाम बढ़ते हैं, तो भारत के घरों और मंदिरों में मौजूद इस गोल्ड की वैल्यू भी बढ़ेगी। हालांकि, आर्थिक नजरिये से देखें तो सोने के आयात से व्यापार घाटा बढ़ सकता है।
इस समय गोल्ड सबसे सेफ इन्वेस्टमेंट
ग्लोबल इकनॉमी में चल रहे इस उथल-पुथल को देखते हुए इस समय सबसे सुरक्षित निवेश कोई और नहीं, बल्कि गोल्ड ही है। इसके अलावा दुनिया के सेंट्रल बैंकों की खरीदारी भी सोने की कीमतों को बढ़ा रही है। हालांकि, जो देश सोने का आयात कर रहे हैं, वो उच्च व्यापार घाटे की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं।
क्या हैं टार्गेट्स
वैश्विक स्तर पर देखें, तो निवेशक 2070 डॉलर प्रति औंस से ऊपर गोल्ड पर लॉन्ग हो सकते हैं। वो 1820 डॉलर के स्टॉप लॉस के साथ 2300 डॉलर और 2600 डॉलर के बड़े टार्गेट के लिए निवेश कर सकते हैं। वहीं, घरेलू बाजार की बात करें, तो सोना रिकॉर्ड हाई लेवल पर है। 2023 में सोने का भाव 66,000 और 72,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। निवेशक 54,500 रुपये का स्टॉप लॉस लेकर चल सकते हैं।