ईरान में आर्थिक हालात बहुत ही खराब हो गए हैं और लोग अपनी किडनियां बेचने को मजबूर हो गए हैं। लोग पैसे की खातिर सोशल मीडिया पर किडनी और लीवर जैसे शरीर के जरूरी अंगों को बेचने का विज्ञापन दे रहे हैं। ईरान दुनिया का एकमात्र देश है जहां पर किडनी बेचना वैध है।
आपको बता दें कि पाकिस्तान की आर्थिक कंगाली खत्म नहीं हुई कि एक और इस्लामिक देश में हालात बहुत खराब हो गए है। बता दें कि यह देश पाकिस्तान का पड़ोसी ईरान है । ईरन दिन पर दिन बर्बाद हो रहा है ईरान की अर्थव्यवस्था के बीच लोगों को अपना जीवन चलाने के लिए बहुत खतरनाक कदम उठाना पड़ रहा है।
बता दे कि ईरान के लोग पैसे की खातिर अब अपने शरीर के अंग तक बेचने को मजबूर हो गए हैं। इंस्टाग्राम पर ईरानी लोग अपनी किडनी, लीवर और अन्य अंगों को बेच रहे हैं।इतना ही नहीं ईरान की गलियों में कई ऐसे विज्ञापन लगे हैं जिसमें ब्लड ग्रुप, उम्र और फोन नंबर तक लिखे है
सूत्रो से मिली जानकारी के अनुसार ईरान की राजधानी तेहरान के वलिअस्र चौक पर ये विज्ञापन लगे हुए हैं। यहां रहने वाले केयहान कहते हैं कि मैं गिनती नहीं कर सकता हूं कि कितने लोगों ने किडनी खरीदने के लिए संपर्क किया है। केयहान ने कहा कि उन्होंने इसका विज्ञापन ट्विटर, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर दिया था। यहां पर कई अंग बेचने वाले चैनल्स के 10 हजार से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं।
ईरान दुनिया का इकलौता देश है जहां किडनी बेचना वैध है।
वैसे तो तमाम देशों में गैरकानूनी रूप से मानव अंग, खासकर किडनी बेची-खरीदी जाती है । लेकिन क्या आप जानते हैं कि ईरान दुनिया का इकलौता ऐसा देश है जहां किडनी बेचना कानूनी है। जी हां, ईरान में बाकायदा इसका सरकारी सिस्टम बना हुआ है। सरकार ने किडनी की कीमत भी तय कर रखी है। और ये कोई आज से नहीं बल्कि 26 साल से चला आ रहा है। ईरान में “रिवारडेड गिफ्टिंग” यानी ‘इनाम के बदले गिफ्ट’ अधिनियम 1997 में ईरानी बोर्ड ऑफ मिनिस्टर्स द्वारा लागू किया गया था। इसके दो साल बाद किडनी ट्रांसप्लांट के लिए वेटिंग लिस्ट लगभग खत्म हो गई थी।
आपको बता दे कि ईरान में रहने वाले केयहान का कहना है कि यह फैसला करना बहुत ही मुश्किल था लेकिन दुर्भाग्य से मेरे पास कोई विकल्प नहीं था।’ उन्होंने बताया कि एक बार जब खरीददार मिल जाएगा और अंतिम कीमत का फैसल हो जाएगा तो उन्हें मेडिकल टेस्ट कराना होगा। उन्होंने कहा, ‘समाधान क्या है ? जो लोग अपनी किडन या लीवर बेच रहे हैं, उनके पास अपने जीवन को चलाने का और कोई विकल्प नहीं है। बता दें, ईरान दुनिया में एकमात्र ऐसा देश है जहां पर किडनी बेचना गैरकानूनी नहीं है।
साल 1980 के दशक से ही ईरान की सरकार ने 1 करोड़ रियाल फिक्स दाम रखा है लेकिन काला बाजार में इससे कहीं ज्यादा पैसा मिल रहा है। कई ऐसी संस्थाएं हैं जो लोगों को अपने अंग बेचने से रोकती हैं लेकिन वित्तीय मदद सीमित है और इतना नहीं रहती है कि लोग अपने अंग बेचने से पीछे हट जाएं। एक सर्वे के मुताबिक साल 2011 से लेकर अब तक ईरान में 10 फीसदी परिवार गरीबी में चले गए हैं।