उत्तर प्रदेश: आख़िर क्यों पुलिस की पांच महिला सिपाही बनना चाहती हैं पुरुष?

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AIN NEWS 1: जान ले उत्तर प्रदेश पुलिस की पांच महिला सिपाही अब पुरुष बनना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने डीजी आफिस में अपना प्रार्थना पत्र देकर लिंग परिवर्तन की इजाजत भी मांगी है। पुलिस अफसर भी काफ़ी ऊहापोह में हैं। गोरखपुर सहित अन्य जिलों के एसपी को पत्र भेजकर उनकी काउंसलिंग कराने को कहा गया है।

बता दें यूपी पुलिस की पांच महिला सिपाहियों ने ही डीजी आफिस में अपना प्रार्थना पत्र देकर लिंग परिवर्तन की उनसे अनुमति मांगी है। इनमें गोरखपुर में ही तैनात एक महिला सिपाही का भी नाम है। पुलिस महकमे में पहली बार इस तरह का कोई मामला सामने आने के बाद से सभी अफसर भी काफ़ी परेशान हैं। वे अब इस मामले का रास्ता खोजने में लगे हैं।खबर तो यह है कि हाईकोर्ट ने एक ऐसे ही प्रकरण में इसे व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार बता दिया है। हालांकि, डीजी आफिस से इन महिला सिपाहियों के तैनाती वाले जिले के पुलिस कप्तानों को भी पत्र जारी कर इन सभी की काउंसिलिंग कराए जाने को कहा गया है। इनमे पांच में से एक महिला सिपाही सोनम (यह नाम काल्पनिक है) गोरखपुर में ही तैनात हैं।

इसके अलावा भी गोंडा, सीतापुर में तैनात महिला सिपाहियों ने भी इसके लिए आवेदन किया है। सोनम ने अपने पत्र में बताया कि डीजी आफिस में प्रार्थना पत्र दी हूं। मुझे बुलाकर भी पूछा भी गया है। मेरा जेंडर डिस्फोरिया है। इसका सर्टिफिकेट भी मैने आवेदन में लगाया है। फिलहाल, इस मामले में लखनऊ मुख्यालय से अभी कोई भी फैसला नही आया है। अगर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो हम जेंडर चेंज कराने के लिए हाईकोर्ट में भी गुहार लगाऊंगी।

इस पूरे मामले में अयोध्या की रहने वाली सोनम बताती हैं कि यूपीपी में 2019 में ही उनकी नौकरी लगी। उनकी पहली तैनाती भी गोरखपुर में ही है। उन्होने अपने लिंग परिवर्तन के लिए फरवरी 2023 से ही दौड़-भाग शुरू की। इसके बाद से ही वह गोरखपुर में एसएसपी, एडीजी फिर मुख्यालय तक भी जा चुकी हैं। सोनम के मुताबिक, पढ़ाई के दौरान ही उनका हार्मोंस कुछ चेंज होने लगा था। और अब मैं पूरी तरह से पुरूष बनना चाहती हूं।

इस मामले में दिल्ली के डॉक्टर ने भी दी सलाह

सोनम आगे बताती हैं कि सबसे पहले उन्होंने उन्हे दिल्ली में एक बड़े डॉक्टर से कई चरणों में काउंसिलिंग भी करवाई। इसके बाद उस डॉक्टर ने पाया कि उन्हें जेंडर डिस्फोरिया है। डॉक्टर की रिपोर्ट को आधार बनाकर ही उन्होंने लिंग परिवर्तन करने की यह अनुमति मांगी है। अनुमति मिलते ही वह जेंडर चेंज करने की इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगी ।

वो बाइक से चलती हैं, और उन्हे स्कर्ट पहनना लगता था अटपटा

सोनम का हाव-भाव और व्यवहार पूरी तरह पुरुषों जैसा हो गया है। वह बाल और पहनावे को भी बिलकुल पुरुषों की तरह ही रखती हैं। वह पल्सर बाइक से चलती हैं। पैंट-शर्ट पहनकर ही ऑफिस आती हैं। इसके अलावा वह बुलेट मोटरसाइकिल भी चलाती हैं। वह बताती हैं कि जब वह स्कूल जाती थीं, तब उन्हें स्कर्ट पहनना या लड़कियों की तरह अन्य कोई भी काम करना बहुत ही अटपटा लगता था।स्कूल में उनकी चाल-ढाल की वजह से कई सारे लोग उन्हें लड़का ही कहते थे। और यह उन्हें अच्छा भी लगता था। बकौल सोनम, शुरू से ही उन्होने खुद को कभी किसी लड़की की तरह स्वीकार नहीं किया। स्कूल में खेलकूद होता था तब भी उनकी क्लास में पढ़ने वाली लड़कियां खो-खो या फिर अन्य लड़कियों वाले गेम खेलने के लिए कहती ही थीं, तब वह अकेली लड़की थी जो क्रिकेट खेलने की सबसे जिद करती थीं।

फिलहाल आए हाईकोर्ट के फैसले से जगी है उम्मीद

सोनम ने यह भी बताया कि उनकी तरह ही गोंडा की महिला सिपाही ने भी अपने लिंग परिवर्तन कराने के लिए हाईकोर्ट में अपना प्रार्थना पत्र दिया है। उसकी याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि लिंग परिवर्तन कराना उनका संवैधानिक अधिकार है।

अगर आज के आधुनिक समाज में किसी व्यक्ति को अपनी पहचान बदलने के इस अधिकार से वंचित करते हैं या स्वीकार नहीं करते हैं तो हम सिर्फ और सिर्फ लिंग पहचान विकार सिंड्रोम को ही प्रोत्साहित करेंगे। हाईकोर्ट ने इस मामले में यूपी के डीजीपी को महिला कांस्टेबल के आवेदन को निस्तारित करने का निर्देश दिया है। इस निर्णय से अब सोनम को उम्मीद काफ़ी हद तक जगी है कि उन्हें भी न्याय मिलेगा।

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