उत्तर प्रदेश: आखिर क्यूं AMU के छात्र निकाल रहे थे फिलीस्तीन के समर्थन में मार्च, दर्ज़ हुई FIR!

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AIN NEWS 1 उत्तर प्रदेश: जैसा की आप सभी जानते है इज़रायल और फिलीस्तीन के बीच युद्ध चल रहा है ऐसे में जहां देश के प्रधानमंत्री और लगभग पूरा देश ही इजरायल के समर्थन में खड़ा हुआ है वही अलीगढ़ मुस्लिम विवि में इजरायल फिलीस्तीन विवाद के बीच छात्रों ने एक बड़ा जुलूस निकाला। इसमें इन छात्रों ने फिलीस्तीन के समर्थन में ही नारेबाजी की। लेकीन अब पुलिस ने इन छात्रों पर केस दर्ज कर दिया है। पुलिस का साफ़ कहना है कि बगैर अनुमति के ही यह जुलूस निकाला गया था। इस वजह से ही इनपर केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने यह केस सोशल मीडिया पर एक वीडियो के काफ़ी ज्यादा वायरल होने के बाद किया था। यहां आपकों बता दें अलीगढ़ मुस्लिम विवि पहले भी कई सारे विवादों में सामने आ चुका है। भारत के कट्टर दुश्मन पाकिस्तान का समर्थन करने का मामला भी यहां पर कई बार देखा गया। और उत्तर प्रदेश पुलिस की भी इस विवि पर विशेष निगाह बनी रहती है।

यहां पढ़ने वाले कई छात्रों का कहनाा था कि इजरायल फिलीस्तीन के साथ मे ज्यादती कर रहा है। वो उसके कई इलाकों पर बेजा कब्जा कर रहा है। ये पूरी तरह गलत है। हमास जो कि एक आतंकवादी संगठन ही है उसने इज़रायल पर हमला करके सही किया। इजरायल उसके साथ लगातार ही ज्यादती कर रहा है। इन छात्रों का कहना था कि दुनिया के तमाम देशों को भी इजरायल की गुंडागर्दी का पूरा विरोध करना चाहिए। लेकिन अमेरिका समेत कुछ बड़े देश सीधे सीधे इजरायल का समर्थन कर रहे हैं।

यहां आपकों बता दें मदनी भी आए फिलीस्तीन के समर्थन में

जमीयत उलेमा ए हिंद (एमएम समूह) के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी ने भी सोमवार को अपने एक बयान में कहा कि इजरायल-फलस्तीन संघर्ष के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी पश्चिम एशिया में शांति बहाली और निर्दोष लोगों की जान बचाने के लिए अपने प्रभाव का पूरी तरह से इस्तेमाल करना चाहिए। संगठन की ओर से जारी किए गए एक बयान में मदनी ने इस संघर्ष को रोकने के लिए वैश्विक शक्तियों, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और विश्व मुस्लिम लीग से भी तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग भी की।

मदनी ने अपने बयान में कहा कि भारत के लोग फलस्तीनियों के साथ हैं। वो पिछले 75 वर्षों से ही इजरायल के दमनकारी कब्जे और हिंसा से काफ़ी त्रस्त है। जिसके कारण वो आज अपनी ही मातृभूमि में ही कैदियों की तरह रह रहे हैं। उन्होंने फलस्तीन में जारी खूनी संघर्ष और आवासीय क्षेत्रों पर हो रही भारी बमबारी की भी निंदा की। कहा कि इस संघर्ष का मूल आधार इजरायल का फलस्तीन पर अवैध कब्जा और विस्तारवादी सोच ही है।

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