उत्तर प्रदेश: आगरा में बवाल के बाद हाईकोर्ट पहुंच गए सत्संगी: दो दिन टला ध्वस्तीकरण,कोर्ट ने मांगा जवाब!

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AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के आगरा में एक सार्वजनिक रास्ते पर बने हुए गेट को हटाने गए पुलिस अमले के जाने के दौरान बवाल के बाद प्रशासनिक कार्रवाई पर रोक के लिए सोमवार को ही सत्संगी इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे गए। और उन्होने स्टे के लिए अपनी याचिका दाखिल की। जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए जिला प्रशासन से इसका जवाब मांगा है। अब इस मामले में 27 सितंबर को सुनवाई होगी। इससे अब दो दिन के लिए यह ध्वस्तीकरण पूरी तरह से टल गया है। इस पूरे मामले में एडीएम प्रशासन अजय कुमार सिंह का कहना है कि अब प्रशासन सार्वजनिक रास्तों पर हुए किसी भी कब्जों के संबंध में अपना पक्ष हाईकोर्ट में रखेगा। और कोर्ट का निर्णय आने तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा है कि सत्संग सभा प्रतिनिधियों को रविवार रात बैठक में भी स्पष्ट कर दिया है कि सार्वजनिक रास्तों को किसी भी प्रकार से बंद नहीं किया जा सकता। और चकबंदी के रिकॉर्ड में यह रास्ते सार्वजनिक हैं। जिन पर सभी लोगो का अधिकार है। किसी एक संस्था या व्यक्ति का कब्जा इसपर नहीं हो सकता। जिन भी संपत्तियों पर कब्जा है उन्हें खाली कराया जाएगा। हाईकोर्ट में अब 27 सितंबर को इस मामले में सुनवाई होगी। इस याचिका में भी स्टे के लिए मांग की गई है। इस स्टे के विरुद्ध प्रशासन अपना जवाब भी कोर्ट में दाखिल करेगा।

अब इस मामले में 30 को होगी भूमाफिया टास्क फोर्स की बैठक 

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में ही होने वाली एंटी भूमाफिया टास्क फोर्स की बैठक अब 30 सितंबर को ही होगी। इस मामले में एडीएम प्रशासन ने बताया कि 26 सितंबर को यह बैठक प्रस्तावित थी। हाईकोर्ट में स्टे याचिका दायर होने के कारण ही अब यह बैठक 30 सितंबर को होगी। तहसील स्तरीय टास्क फोर्स ने राधास्वामी सत्संग सभा अध्यक्ष गुरु प्रसाद सूद, उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव और अनूप श्रीवास्तव को इसमें भूमाफिया के रूप में चिह्नित करते हुए घोषणा के लिए डीएम के पास प्रस्ताव भी भेजा था। जिसमें डीएम ने अभी और सबूत जुटाने के आदेश दिए थे। इस पर कब्जों का भी ड्रोन से दोबारा से सर्वे कराया गया। प्रभावित किसान व ग्रामीणों के बयान भी दर्ज किए। वीडियोग्राफी भी कराई है।

उन्होने बताया कोर्ट के निर्णय का करेंगे सम्मान

यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट का जो भी निर्णय होगा, उसका पूरा सम्मान किया जाएगा। सरकारी भूमि पर हुए कब्जों का विस्तृत सर्वे भी कराया जाएगा। – भानु चंद्र गोस्वामी, जिलाधिकारी

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