Sunday, December 22, 2024

उत्तर प्रदेश की बड़ी खबर: यूपी में 2 चरणों में ही होगा निकाय चुनाव,4 और 11 मई को वोटिंग तय, 13 मई को रिजल्ट, लागू हुई आचार संहिता!

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AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव को लेकर एक बड़ी खबर है। लखनऊ में रविवार शाम राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय चुनाव की तारीखों का अब ऐलान किया। 4 मई और 11 मई को सभी जगह मतदान होगा। 13 मई को इसका रिजल्ट आएगा। इससे पहले निकाय चुनाव के आरक्षण की नई लिस्ट भी जारी हुई। 232 आपत्तियों के निस्तारण के बाद अधिसूचना भी जारी की गई। इसके बाद ही आचार संहिता लागू हो गई है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने मिडिया को बताया कि नगर निगम का चुनाव EVM से ही होंगे। जबकि नगर पंचायत का चुनाव मतपेटिका से सम्पन्न कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि यूपी में कुल 760 निकाय हैं। इसमें 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका और 544 नगर पंचायत सीट हैं।

मनोज कुमार ने आगे बताया कि प्रदेश के 760 नगरीय निकाय में 14,684 पदों पर ही चुनाव होगा। 17 महापौर, 1420 पार्षद के चुनाव EVM से ही होंगे, बाकी पदों पर बैलट पेपर से मतदान कराया जायेगा । नगर पालिका परिषद के कुल 199 अध्यक्ष तथा 5327 सदस्यों का चुनाव मतपत्रों से निर्वाचन होगा। नगर पंचायत के 544 अध्यक्ष तथा 7178 सदस्यों का निर्वाचन चुनाव मतपत्रों से होगा। संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस फ़ोर्स भी लगाई जाएगी।11 मई 2023: दूसरे चरण में जाने कहा पर होगा चुनाव मेरठ, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बागपत, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, बरेली, पीलीभीत, हाथरस, कासगंज, एटा, अलीगढ़, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, औरैया, हमीरपुर, चित्रकूट, महोबा, बांदा, अयोध्या, सुलतानपुर, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, अममेठी, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, सोनभद्र, भदोही व मीरजापुर ।

ज्ञात हो, 27 दिसंबर को हाईकोर्ट के आदेश से यूपी सरकार को एक झटका लगा था। कोर्ट ने राज्य सरकार की उस ओबीसी सूची को खारिज कर दिया था जिसके दम पर निकाय चुनाव करवाने की सरकार की तैयारी थी। हाईकोर्ट ने इस मामले मे साफ कहा था कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन नहीं किया और उसके बिना ही यह चुनाव की घोषणा की गई। तब कोर्ट ने सरकार को ये भी कहा था कि वो बिना ओबीसी आरक्षण के ही चुनाव करवा सकती है। इसके बाद ही यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। और 4 मई 2023: पहले चरण में जाने किन जिलों में होगा चुनाव शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, झांसी, जालौन, ललितपुर, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, उन्नाव, हरदोई, लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुरखीरी, गोण्डा, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोरखपुर देवरिया, महाराजगंज, कुशीनगर, गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली व जौनपुर ।

जाने सरकार ने कहा- की रिपोर्ट आने के बाद ही कराया जाएगा चुनाव

28 दिसंबर 2022 को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में मेंशन किया था। उन्होंने कहा कि लिमिटेशन की प्रक्रिया अभी चल रही है। और सरकार ने ओबीसी आयोग का गठन कर दिया है। स्थानीय निकाय चुनाव अब आयोग की रिपोर्ट आने के बाद ही कराया जाएगा।

इसके बाद रिटायर्ड जस्टिस राम अवतार सिंह को आयोग का अध्यक्ष भी नियुक्त किया। सदस्यों में चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार, संतोष विश्वकर्मा और ब्रजेश सोनी को भी शामिल किया गया। ये आयोग राज्यपाल की सहमति से 6 महीने के लिए ही गठित किया गया था। आयोग को रिपोर्ट सबमिट करने के लिए छह महीने का समय भी दिया गया था।

जान ले समय से पहले आयोग ने CM को दी रिपोर्ट

31 दिसंबर को आयोग ने अपनी पहली कॉन्फ्रेंस की थी। आयोग के सदस्यों ने स्पष्ट कहा था कि यह काफ़ी लंबा काम है और रिपोर्ट तैयार होने में 31 मार्च तक का समय लग सकता है। इस टीम ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 75 जिलों का दौरा भी किया। हालांकि बीच में आयोग का यह बयान सामने आया था कि रिपोर्ट फरवरी के अंत तक ही तैयार हो जाएगी। आयोग ने अब सीएम योगी आदित्यनाथ को अपनी रिपोर्ट दे दी है।

इसपर हाईकोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट के बाद चुनाव कराने का दिया था आदेश

मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव पहले जनवरी में ही कराया जाना तय था। इसको लेकर नगर विकास विभाग ने अंतिम आरक्षण की सूची जारी भी कर दी थी। हालांकि इसके खिलाफ कई पक्ष उस समय हाईकोर्ट पहुंच गए। हाईकोर्ट ने रैपिड टेस्ट के आधार पर आरक्षण को पूरी तरह सही न मानते हुए ट्रिपल टेस्ट कराने का आदेश राज्य सरकार को दिया था। और हाईकोर्ट ने कहा कि बिना ओबीसी आरक्षण के ही निकाय चुनाव हों। जबकि सरकार ने कहा कि आरक्षण लागू करने के बाद ही चुनाव कराएंगे।

अब नगर निगम, नगर पालिका का कार्यकाल खत्म 

हालांकि इस बीच लखनऊ नगर निगम, कानपुर नगर निगम समेत तमाम नगर निकायों का कार्यकाल अब खत्म हो गया। 2023 में होने वाले नगर निकाय चुनाव में 17 नगर निगम, 200 नगरपालिका परिषद और 517 नगर पंचायत में चुनाव कराया जाना तय है।

जबकि 2017 में 16 नगर निगम, 198 नगर पालिका परिषद और 438 नगर पंचायत में ही चुनाव हुआ था। ऐसे में म्यूनिसिपल इलेक्शन को लेकर सरगर्मी फिर से काफ़ी बढ़ती नजर आ रही है। सपा के रुख से ऐसी आशंका भी है कि कहीं आरक्षण सूची जारी होने के बाद ये मामला दोबारा से अदालत में न पहुंच जाए।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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