AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. क्योंकि अब योगी आदित्यनाथ सरकार के ओर से उन्हें उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य के तौर पर ही मनोनित किया गया है. प्रोफेसर तारिक मंसूर ने अपना कार्यकाल खत्म होने से कुछ हफ्ते पहले ही अपने पद से अपना इस्तीफा दे दिया है.एएमयू के रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज़ अगले कुलपति की नियुक्ति तक कुलपति के रूप में तो काम करेंगे. उन्होने बताया प्रोफ़ेसर तारिक मंसूर को उत्तर प्रदेश की बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य विधान परिषद के सदस्य के तौर पर ही मनोनीत किया है. सोमवार रात को ही इसकी आधिकारिक अधिसूचना भी जारी कर दी गई.
जाने उन्होने एएमयू का किया धन्यवाद
मंसूर ने तीन/चार अप्रैल की रात को विश्वविद्यालय के छात्रों और कर्मचारियों को अपने द्वारा लिखे एक खुले पत्र में कहा, ‘‘जैसा कि मैं पद छोड़ रहा हूं, यह आखिरी बार है जब मैं आपको कुलपति के रूप में संबोधित कर रहा हूं. मुझे अच्छे और चुनौतीपूर्ण समय के दौरान छह साल तक संस्थान की सेवा करने का अवसर मिला.’’ और उन्होंने इस अवधि के दौरान विशेष रूप से कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए एएमयू समुदाय को भी धन्यवाद दिया.प्रोफेसर मंसूर ने 17 मई 2017 को अब तक पांच साल की अवधि के लिए कुलपति के रूप में यह पदभार ग्रहण किया था. उनका कार्यकाल पिछले साल मई में ही समाप्त होना था लेकिन महामारी से उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल एक वर्ष के लिए और बढ़ा दिया था. प्रोफेसर तारिक मंसूर राज्य विधान परिषद में राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी और राज्य हज कमेटी के अध्यक्ष मोहसिन रजा के बाद बीजेपी के तीसरे बड़े मुस्लिम सदस्य होंगे. बता दें कि निर्वाचन अनुभाग से जारी इस अधिसूचना में कहा गया है कि राज्यपाल ने विधान परिषद की रिक्तियों में छह व्यक्तियों को उत्तर प्रदेश विधान परिषद का अभी सदस्य मनोनीत किया है. जारी अधिसूचना के मुताबिक रजनीकांत माहेश्वरी, साकेत मिश्रा, लालजी निर्मल, तारिक मंसूर, रामसूरत राजभर और हंसराज विश्वकर्मा को भी मनोनीत किया गया है.