उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद में मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) के अधिकारी अपनी कार्रवाई का दिखावा करते रहे और बिल्डरों ने बड़ा खेल कर दिया!

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AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के मेरठ जनपद में मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) के अधिकारी अपनी कार्रवाई का दिखावा करते रहे और बिल्डरों ने बड़ा खेल कर दिया। पिछले 120 दिन में बिल्डरों ने लगभग 104 अवैध कॉलोनियां काट दीं। फरवरी में ही मेडा की वेबसाइट पर 262 अवैध कॉलोनियां थीं, जो अब इससे बढ़कर 366 हो गई हैं। हाईवे और बाईपास पर तो इनकी संख्या सबसे अधिक है। वर्तमान में मेरठ शहर में 264 कॉलोनियां ही वैध हैं। यह पूरा खुलासा मेडा की ओर से किए गए एक सर्वे में हुआ है। मेडा की टीम ने अपनी वेबसाइट पर मंगलवार को एक सूची भी अपडेट कर दी।मेडा ने कुल चार जोन बनाए हुए हैं, जिसके अंतर्गत 16 उप जोन बनाकर यह निगरानी की जाती है। इस सर्वे में शहर से लेकर देहात तक भी हर ओर अवैध कॉलोनियां पकड़ में आई हैं। रोहटा रोड, बागपत रोड, किला रोड, हापुड़ रोड, गढ़ रोड, मवाना रोड और एनएच-58 पर तो सबसे ज्यादा अवैध कॉलोनियां काटी गई हैं।

लोगे के रसूख के आगे मेडा हुआ पूरी तरह असहाय

कोई साधारण व्यक्ति कही एक छोटा सा मकान भी बनाए तो वहा मेडा की टीम आ धमकती है, नोटिस भी जारी कर दिए जाते हैं। लेकिन कही तेजी से पनप रही अवैध कॉलोनियों पर ध्वस्तीकरण के नाम पर महज इनकी खानापूर्ति कर टीम लौट आती है। कुछ मामूली तोड़फोड़ कर कागजों में ही ध्वस्त दिखा दिया जाता है। दूसरी ओर इन अवैध कॉलोनी काटने में न केवल राजनीतिक रसूख रखने वाले सूरमा शामिल हैं, बल्कि कई सारे व्यापारी नेता भी ऊंचे रसूख के बूते धड़ल्ले से अब अवैध कॉलोनियां काट रहे हैं।

जान ले मेडा रखता है प्लॉट तक बंधक

जालसाजी कर कई प्लॉट बेचने व लोगो को ठगने के मामले भी लगातार पुलिस के पास पहुंच रहे हैं। कई लोग तो मेडा में भी इसकी शिकायत लेकर आते हैं। कोई भी संपत्ति ले रहे हैं तो मेडा की वेबसाइट पर इसे अच्छे से जांच लें।

जाने ये है पूरी प्रक्रिया 

किसी भी कॉलोनी को नियम अनुसार, वैध कराने के लिए मेडा में बिल्डर को अपना आवेदन करना होता है। फिर इसका ले-आउट नक्शा बनता है, जिसमें इंगित होता है कि पार्क, पार्किंग, लिफ्ट समेत विभिन्न्न जरूरी सुविधाओं के लिए यहां जमीन छोड़ी गई है या नहीं। बिल्डर से इसके लिए विकास शुल्क भी लिया जाता है। और कुछ प्लॉट बंधक भी मेडा रखता है। बिल्डर द्वारा विकास कार्य को अगर बीच में ही छोड़ देने पर इन प्लॉट को बेचकर मेडा उनके अधूरे काम पूरे कराता है। बिल्डर के सभी काम पूरा करने पर बंधक प्लॉट अवमुक्त कर दिए जाते हैं। मेडा द्वारा स्वीकृत कॉलोनियों के नक्शे भी उनकी वेबसाइट पर अपलोड हैं।अफसर बोले- अपनी कमाई अवैध कालोनियों में बिलकुल न लगाएं,

जाने लगातार हो रहा ध्वस्तीकरण

मेडा के सचिव चंद्रपाल तिवारी ने बताया कि अवैध कॉलोनियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जा रही है। लगातार टीम बनाकर ध्वस्तीकरण भी कराया जा रहा है। एमडीए मेरठ की वेबसाइट पर अवैध और वैध कॉलोनियों का पूरा ब्योरा भी अपलोड कर दिया गया है। लोग अपनी गाढ़ी कमाई को इन अवैध कॉलोनियों में न झोंकें, इसके लिए मेडा के मुख्य द्वार पर ही अपनी चेतावनी बोर्ड लगाया गया है।

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