AIN NEWS 1 लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अब उन शहरों में भी नई टाउनशिप विकसित हो सकेगी जिनके भी विकास प्राधिकरणों के पास विकास कार्य के लिए भूमि जुटाने की पर्याप्त धनराशि नहीं थी। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन योजना के तहत इन राज्य के सात प्राधिकरणों को अब एक हजार करोड़ रुपये बतौर सीड कैपिटल देने का अपना निर्णय किया है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में ही मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के संबंधित प्रस्ताव को अब मंजूरी दे दी गई है। इन एक हजार करोड़ रुपये में से सर्वाधिक 400 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री के गृह जिले के ही गोरखपुर विकास प्राधिकरण को दिए गए हैं। अलीगढ़ और आगरा विकास प्राधिकरण को भी 150-150 करोड़, बुलंदशहर व बरेली विकास प्राधिकरण को इस के तहत 100-100 करोड़ रुपये, झांसी को कुल 90 करोड़ तथा चित्रकूट विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण को इस के तहत 10 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

ज्ञात हो कि इन सभी नगरीय क्षेत्रों के सुनियोजित व सुव्यवस्थित विकास के साथ-साथ नगरीय जनसंख्या को भी आवासीय सुविधा उपलब्ध कराए जाने के लिए पिछले वर्ष मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नये शहर प्रोत्साहन की एक योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत प्राधिकरणों को भूमि अर्जन करने में आने वाले खर्च के 50 प्रतिशत तक उसकी राज्य सरकार द्वारा सीड कैपिटल के रूप में ही अधिकतम 20 वर्ष की अवधि के लिए दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इस योजना के लिए पिछले वित्तीय वर्ष में ही चार हजार करोड़ रुपये की पूरी व्यवस्था की गई थी लेकिन कोई सही तरीके से दिशा-निर्देश न तय होने से इसमें से कुल एक हजार करोड़ रुपये इस वर्ष 31 मार्च को ही लखनऊ विकास प्राधिकरण के खाते में रख दिए गए थे। उसके बाद छह अप्रैल को योजना संबंधी दिशा-निर्देश जारी होने के बाद से अब एक हजार करोड़ रुपये कुल सात विकास प्राधिकरण को देने का निर्णय किया गया है।चालू वित्तीय वर्ष में भी यह एक योजना के तहत तीन हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इस पूरी धनराशि को ही उन प्राधिकरणों को प्राथमिकता पर दिया जाएगा जिनके पास भी टाउनशिप विकसित करने के लिए न लैंड बैंक है और न ही भूमि जुटाने के लिए उनके पास पर्याप्त पैसा है।

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