AIN NEWS 1 Ghaziabad : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कविनगर थाने में तैनात एक दरोगा महेंद्र शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत एक मुकदमा दर्ज कर उन्हे निलंबित किया गया है। यह पूरी कार्रवाई गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा के निर्देश पर ही की गई है। दरोगा पर यह आरोप है कि उसने किसी मामले में चार्जशीट लगाने के लिए पीड़ित से एक लाख रुपए मांगे थे।
जान ले क्या है यह पूरा मामला
बता दें घर में घुसकर बलवा करने, मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने के संबंधी एक मामला गाजियाबाद जिला कोर्ट में अभी विचाराधीन है। कैला भट्टा निवासी खालिद ने 7 जून 2017 को अपने ससुर अलीमुद्दीन समेत ही कुल सात ससुरालियों पर उनके घर में घुसकर बलवा करने, उनके साथ मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का एक मुकदमा नगर कोतवाली में दर्ज कराया हुआ था। उसकी सुनवाई के दौरान ही कई बार फाइनल रिपोर्ट (एफआर) भी लगाई जा चुकी है। 10 जुलाई 2022 को विवेचना बदलकर फिर से इस पूरे केस में फाइनल रिपोर्ट लगाई गई। विवेचना कविनगर थाने में तैनात दरोगा महेंद्र शर्मा को ही दी गई। पीड़ित खालिद ने जब दरोगा महेंद्र शर्मा से इस चार्जशीट लगाने के लिए कहा तो दरोगा ने उसे कविनगर पुलिस चौकी में ही बुलाया और उनसे एक लाख रुपए की मांग कर दी। उसके एवज में रिश्वत के रुप में खालिद ने 30 हजार रुपए दरोगा महेंद्र शर्मा को दे भी दिए थे, लेकिन दरोगा ने 80 हजार में बात तय कर ली। खालिद ने 80 हजार रुपए देने में अपनी असमर्थता जताई। उसके बाद इस दरोगा ने 30 हजार रुपए भी खालिद को वापस कर दिए थे।
इस मामले में कमिश्नर से की गई थी शिकायत
अपने इस केस में सुनवाई ना होता देख पीड़ित ने शनिवार को दरोगा महेंद्र शर्मा की शिकायत गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा से कर दी। इस दौरान पुलिस कमिश्नर को खालिद ने एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध कराई। जिसमें यह दरोगा एक लाख रुपए की उससे मांग कर रहा है। इसकी पूरी जांच में सत्यता पाये जाने के बाद से कविनगर थाने में दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक मुकदमा दर्ज कर उन्हे निलंबित भी कर दिया गया है। जबकि पीड़ित का कहना है कि दरोगा की शिकायत वह पहले तो डीसीपी सिटी निपुण अग्रवाल और एसीपी निमिष पाटिल से भी कर चुका है। लेकिन, कही से भी अभी तक उन्हे न्याय नहीं मिला था।