उत्तर प्रदेश: गाजियाबाद में लगे मुस्लिम व्यापारियों के बहिष्कार के पोस्टर, पुलिस ने दर्ज़ की एफआईआर?

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AIN NEWS 1 उत्तर प्रदेश: आज कल गाजियाबाद के भी कुछ हिस्सों में सांप्रदायिक नफरत फैलाने के इरादे से कई जगह विवादित पोस्टर लगाने के मामले में अब तक तीन लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा केस दर्ज किया गया है. इसके साथ ही नंदग्राम पुलिस ने भी एक आरोपी को इस मामले में पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में लिया है. हालांकि पूछताछ के बाद में उसे रिहा कर दिया गया.

पुलिस ने इस मामले में बताया कि रविवार को ही शहर में सांप्रदायिक नफरत फैलाने के इरादे से ही नंदग्राम थाना क्षेत्र में प्रमुख स्थानों पर भी पोस्टर लगाए गए थे, जिसमें मुस्लिम व्यापारियों के साथ मे बहिष्कार का कुछ लोगो द्वारा आह्वान किया गया था. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद इस मामले में अब तक तीन युवकों नितिन चौहान, ब्रह्मानंद पुजारी और शेखर पंडित की पहचान भी कर ली और उनके खिलाफ मे मामला दर्ज किया गया.

उन्होने कहा फर्जी हिंदू संगठन ने ही लगाए थे ये पोस्टर

पुलिस उपायुक्त (शहर जोन) निपुण अग्रवाल ने भी कहा कि यह सब पोस्टर हटा दिए गए हैं. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने भी सोमवार को नंदग्राम थाने के बाहर बैठ कर हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से अपना विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान ही उन्होंने हिरासत में लिए सागर चौहान (नितिन चौहान के भाई) की रिहाई की भी पूर जोर मांग की. पुलिस ने बताया कि यह पोस्टर कथित तौर पर ‘हिंदू समाज संगठन’ नाम के एक फर्जी संगठन के द्वारा लगाए थे.विहिप के ही जिला अध्यक्ष आलोक गर्ग ने कहा कि- कुछ अज्ञात लोगों ने ही हिंदू समाज संगठन नाम का एक केवल काल्पनिक नाम रखकर ये पोस्टर चिपकाए थे. उन्होंने कहा, विहिप या बजरंग दल का इससे कोई भी लेना-देना नहीं है.

देश,प्रदेश में हिंदू-मुस्लिम भाईचारा बढ़ाएंगे

इस मामले में मुस्लिम महासभा के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा कि हमारा संगठन पूरे देश में ही हिंदू-मुस्लिम भाईचारा को बढ़ाने के लिए कार्यक्रम करेगा, जिसके लिए हमने अपने संगठन के सभी राज्य प्रमुखों और अन्य पदाधिकारियों को भी दिशानिर्देश जारी किए हैं.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सामान भाई से खरीदो, भाईजान से नहीं, नारे वाले इस तरह के सभी पोस्टर दोनों धर्मों में नफरत फैलाकर सांप्रदायिक दंगा भड़काने का ही केवल एक प्रयास है. उन्होंने कहा- दोनों धर्म ही आपस में घनिष्ठ रूप से जुड़े हुए हैं. मुस्लिम लड़के पंक्चर से लेकर मैकेनिक तक सेवाएं दे रहे हैं, सब्जियां, फल भी उगा रहे हैं और दूध की आपूर्ति कर रहे हैं.

इस पूरे मामले में मास्टरमाइंड की हो रही खोजबीन

पुलिस ने अब दो मामलों में ही आईपीसी की धारा 147 (दंगा), 153ए (धर्म, नस्ल के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295 (पूजा स्थल या किसी वस्तु को नुकसान पहुंचाना या उसको अपवित्र करना), धर्म का अपमान करने के इरादे से पवित्र) और 298 (जानबूझकर लोगो की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से गलत शब्द के तहत दर्ज किए गए थे) के तहत दर्ज किया था.

डीसीपी अग्रवाल ने इस मामले में कहा कि पुलिस सीसीटीवी फुटेज की निगरानी के बाद से ही कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी. उन्होंने कहा कि कुछ बिंदुओं पर पूरी तरह से जांच चल रही है कि ये पोस्टर क्यों लगाए गए, ये कहां पर छपे, इसके लिए किसने भुगतान किया और इसके पीछे का मास्टरमाइंड आखिर कौन है.

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