AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में अब दो स्थानों पर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डीटीआई) बनेंगे। इसका पूरा प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। इसके लिए केंद्र की स्थापना के बाद ड्राइविंग लाइसेंस आवेदकों को आरटीओ कार्यालय के बार बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। डीटीआई सेंटर से ही ट्रेनिंग सर्टिफिकेट के जारी होने के बाद ऑनलाइन आवेदन के बाद ही लाइसेंस आपके घर पर ही पहुंच जाएगा। यह कार्य संभागीय परिवहन कार्यालयों से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदकों की भीड़ को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने डीटीआई की योजना को अप्रैल 2022 में ही लागू किया था, लेकिन प्रदेश में डीटीआई ने अब इसको साकार रूप लेना शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार से मिली मंजूरी के बाद डासना और गुलधर में दो संचालकों ने डीटीआई खोलने क प्रस्ताव भी शासन को भेजा है। ये दोनों सेंटर ही तीन-तीन एकड़ में खोले जाएंगे। शासन से मान्यता के बाद जमीन पर डीटीआई के निर्माण का काम भी शुरू हो जायेगा।

अभी रोजाना ही बनते हैं 350 डीएल

जान ले गाजियाबाद जिले में प्रतिदिन 250 से 350 ड्राइविंग लाइसेंस बनते ही हैं। इनमें स्थाई लाइसेंस और रिन्युअल लाइसेंस भी शामिल हैं। हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से तो जिले को स्थाई लाइसेंस के लिए 390 स्लॉट तय हैं । लर्निंग लाइसेंस (अस्थाई) का पूरा काम पहले से ही ऑनलाइन हो चुका है। लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदक को आरटीओ के दफ्तर आने की जरूरत नहीं है।

जान ले अब इस तरह बनेगा डीएल

डीएल आवेदन के लिए लोगों को केवल ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में ही अपना नामांकन कराना होगा और उनके द्वारा आयोजित टेस्ट को पास करना होगा। एक बार उनका टेस्ट क्लियर हो जाने के बाद डीटीआई से एक प्रमाण पत्र भी जारी करेगा। सर्टिफिकेट मिलने करने बाद प्रतिभागी ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अपना आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन पर आरटीओ में ही प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के आधार पर यह जारी किया जाएगा और इसके लिए आरटीओ कार्यालय में किसी टेस्ट को देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

गाजियाबाद के ही एआरटीओ प्रशासन राहुल श्रीवास्तव ने कहा, ‘डीटीआई के लिए अभी दो कंपनियों ने आवेदन किया है। इन्होंने अपनी जमीन का ब्योरा भी आवेदन के साथ दिया है। इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए सासन को भेज भी दिया गया है।’

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