उत्तर प्रदेश: फ्लैट, फंड-सरकारी नौकरी के लिए मां-बेटी की पीट पीटकर हत्या : गोद ली बेटी को सारी संपत्ति देना चाहती थी मां; 3 देवरों ने मार डाला!

0
709

AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ जिले में प्रॉपर्टी के बंटवारे को लेकर मां-बेटी की लाठी-डंडों से बेरहमी से पीट-पीटकर उनके परिवार द्वारा ही हत्या कर दी गई। सोमवार को ही इस मृतक महिला के पति की तेरहवीं थी। और घर में उसी के लिए भोज कार्यक्रम चल रहा था, तभी इस महिला के 3 देवर वहां पर आ गए। वहा पर जमीन के बंटवारे को लेकर उनके बीच काफ़ी ज्यादा बहस हुई। फिर इन मां-बेटी को उन तीनों ने मिलकर मार डाला। इस परिवार के एक करीबी ने बताया कि यह संपत्ति का बंटवारा सिर्फ पुश्तैनी जमीन-जायदाद तक ही सीमित नहीं था। बल्कि इन मां और बेटी के पास दिल्ली के सागर में भी एक फ्लैट था। जिसकी कीमत भी डेढ़ करोड़ रुपए तक थी। इसके साथ ही इस महिला के पति की मौत के बाद से परिवार को मिलने वाली उसकी सरकारी नौकरी और उसके फंड का लाखों रुपयों पर भी इस परिवार के लोगों की पूरी नजर थी। यह संपत्ति ही इस परिवार के लोगों को काफ़ी ज्यादा अखर रही थी। इसलिए उन्होने इन मां-बेटी को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला।

ये मां बेटी लगभग 20 साल से दिल्ली में हो गए थे सेटल

इस परिवार के ही एक करीबी ने बताया, “सुरेश कुमार ने कुछ दिन पहले ही अपनी सारी संपत्ति का वारिस अपनी बेटी प्रियंका को बना दिया था। इसके साथ ही प्रियंका की शादी दिल्ली में ही एक युवक से तय भी हो गई थी। कुछ महीनों बाद ही प्रियंका की शादी होनी तय थी। सुरेश की इस सारी संपत्ति की वसीयत भी प्रियंका के होने वाले पति के पास ही सुरक्षित रखी गई थी। यह बात सुरेश के भाइयों को भी पता चल गई थी, इसके बाद से ही परिवार में यह कलह शुरू हो गई थी।”

30 अगस्त को अचानक हुए हार्ट अटैक से जान गंवाने वाले सुरेश मूलरूप से गोंडा के ही गांव कैमथल के रहने वाले थे। सुरेश के कुल तीन भाई हैं। इसमें से दो भाई रमेश और धर्मवीर भी दिल्ली में ही रहते हैं। इन दोनों का भी विवाह हो चुका है। जबकि सबसे छोटा भाई राकेश अभी भी अलीगढ़ में ही रहता है। इन चारों भाइयों के पास ही लगभग 4 बीघा खेतिहर जमीन भी थी। ऐसे में चारों भाइयों के हिस्से में ही एक-एक बीघा जमीन आई हुई थी।

जान ले दिल्ली में नौकरी करती थी प्रियंका

वैसे तो सुरेश दिल्ली ट्रांसपोर्ट (डीटीसी) में ही एक बस ड्राइवर थे। और वह लगभग 20 साल पहले ही अपनी पत्नी मुकेश कुमारी के साथ में दिल्ली आकर बस गए थे। उनके कोई भी अपनी संतान नहीं थी, इसलिए ही उन्होंने 19 साल पहले एक बेटी प्रियंका को गोद ले लिया था। इसके बाद से ही वह दिल्ली में ही बस गए थे। इनकी गोद ली हुई बेटी प्रियंका का पालन-पोषण भी दिल्ली में ही हुआ था। इसकी पढ़ाई पूरी करने के बाद से ही प्रियंका दिल्ली में ही नौकरी कर रही थी । वह एक ब्रांडेड ब्यूटी संस्थान में ब्यूटी एडवाइजर की पोस्ट पर तैनात थी। अपने पिता की इकलौती बेटी होने के नाते ही वह उनकी सारी प्रॉपर्टी की भी एक मात्र ही वारिस थी।

बेटी के नाम कर दी थी अपनी सारी प्रॉपर्टी, शादी भी हो गई थी तय मां-बेटी नहीं आना चाहती थी अलीगढ़

इसी बीच ही 27 अगस्त को सुरेश कुमार को अचानक हार्ट अटैक आया था और उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया था। वह 3 दिन अस्पताल में रहने के बाद 30 अगस्त को उनकी भी मौत हो गई थी। इसके बाद उनकी पत्नी मुकेश कुमारी और बेटी प्रियंका दिल्ली में ही उनका अंतिम संस्कार भी करना चाहती थी। मगर दिल्ली में ही रहने वाले उनके देवर रमेश और धर्मवीर ने जिद की थी कि उनके भाई को अलीगढ़ उनके गांव लेकर ही चला जाए। जिससे कि उनके गांव अलीगढ़ में ही उनका अंतिम संस्कार अच्छे से सारे रीति-रिवाज के साथ मिलकर किया जा सके। परिवार के ज्यादा दबाव में मां-बेटी सुरेश के अंतिम संस्कार के लिए अलीगढ़ के गोंडा स्थित अपने गांव कैमथल में आ गईं और वो दोनो भी यहीं रुकी हुई थीं।

इनके साथ सोची-समझी साजिश के तहत हुई वारदात

अलीगढ़ आने के बाद ही मां-बेटी जल्द से जल्द सारी रस्मों को पूरा करके यहां से वापस दिल्ली जाना चाहती थी। इसलिए सुरेश की मौत के मात्र 4 दिन बाद ही इन्होंने तेरहवीं और पगड़ी संस्कार का कार्यक्रम भी रख दिया गया। पगड़ी के कार्यक्रम में भी कुछ ज्यादा लोगों को वहा पर नहीं बुलाया गया था और इसमें सिर्फ इनके परिवार के लोग और कुछ चुनिंदा रिश्तेदार ही शामिल थे। सूत्रों की माने तो इन हत्यारोपियों ने पहले ही इन मां-बेटी की हत्या की साजिश पूरी तरह से रच ली थी।

इसीलिए ही उन्होंने अपने भाई का अंतिम संस्कार दिल्ली में ना कराकर पोस्टमॉर्टम के बाद ही यह उसके शव को अलीगढ़ लेकर आ गए। फिर उन्होने पगड़ी के दिन ही संपत्ति बंटवारे का मुद्दा भी उठाया और फिर दोनों मां बेटी की पीट पीटकर निर्ममता के साथ हत्या कर दी। इस पूरे मामले में लगाता है कि शायद मां-बेटी को इस अनहोनी की आशंका पहले ही हो गई थी, इसलिए ही वह दोनो ही पहले दिन से अलीगढ़ आने से पूरी तरह से इनकार कर रही थी। इस पूरे मामले में पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि सुरेश की जो सरकारी नौकरी थी और उसके पास जो दिल्ली में फ्लैट और दूसरी भी प्रॉपर्टी थी। इसके चलते ही उसके भाइयों की निगाह इन पर थी। सुरेश की मौत के बाद से ही उसके भाई अपने बेटे को उसके स्थान पर ही नौकरी दिलाना चाहते थे, इसीलिए ही उन्होंने इस सारी घटना को भी अंजाम दे डाला।

इस पूरे मामले में जांच के बाद सच्चाई आएगी सामने SSP कलानिधि नैथानी ने बताया कि घटना के पीछे संपत्ति के बंटवारे की बात अभी सामने आ रही है। इन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी भी की जा रही है और इस मामले की जांच भी की जा रही है। जांच के बाद ही इस हत्या के सही कारण स्पष्ट हो सकेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here