उत्तर प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दो टूक आदेश, खराब प्रदर्शन वाले अफसरों को हटाएंगे?

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AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में आम जनता की सभी समस्याओं और उनके समाधान से सीधे जुड़े कार्यालयों की कार्यप्रणाली अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सीधे रडार पर है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को तहसील, ब्लॉक और थानों के कार्यों की पूरी तरह से समीक्षा करते हुए खराब प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने अब दो टूक कहा कि जिन अधिकारियों या कर्मचारियो में निर्णय लेने की क्षमता नहीं है उन्हें तत्काल हटाते हुए युवा और तेज-तर्रार अफसरों को यह जिम्मेदारी दी जाए।मुख्यमंत्री ने कहा है कि तहसील, ब्लॉक और थानों की कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन दिखाई नहीं दिया तो ऊपर से नीचे तक के सभी अधिकारियों पर ही कार्रवाई होगी। उन्होंने मुख्यालयों पर संबद्ध कर्मचारियों को भी अब तत्काल फील्ड ड्यूटी में भेजने का भी निर्देश दिया। जनता दर्शन के दौरान अपने पास आने वाले फरियादियों की बढती संख्या और उनकी समस्याओं को देखते हुए ही मुख्यमंत्री ने अपनी नाराज़गी जताई है। उन्होंने प्रदेश, मंडल और जिलों के अधिकारियों को काफ़ी ज्यादा सख्त हिदायत दी है कि तहसील, ब्लॉक और थानों पर नियमित जनसुनवाई हर हाल में कराई जाए। इसके लिए एक स्पष्ट कार्ययोजना भी तैयार की जाए और मेरिट के आधार पर समस्याओं का निस्तारण अच्छे से कराया जाए।

दोषी संबंधित कर्मचारी पर हो कठोर कार्रवाई

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि तहसील, ब्लॉक और थाना स्तर पर जनता की सभी समस्याओं की सुनवाई के लिए एक- एक हफ्ते की रूपरेखा तैयार करते हुए एक बड़ा अभियान चलाएं। उन्होंने इस बात पर अपनी चिंता भी व्यक्त की है कि कई बार सुनवाई न होने से कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर बहुत विकट स्थिति पैदा हो जाती है। तहसील, ब्लॉक और थाना स्तर के कर्मचारियों की जवाबदेही तय हो और किसी भी प्रकार से लापरवाही बरतने वालों को किसी भी हाल में बख्शा न जाए।

डीएम और कप्तान तय करें अपना एजेंडा, अच्छे से करें निगरानी मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि तहसील, ब्लॉक और थाना स्तर पर प्रतिदिन कम से कम एक घंटे की सुनवाई अवश्य ही की जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को निर्देशित किया कि वे जन समस्याओं के निस्तारण को लेकर हर हफ्ते इसकी समीक्षा भी करें। इसके लिए जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान पहले से ही अपना एजेंडा भी तय करें।

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