AIN NEWS 1 उत्तर प्रदेश: मेरठ में मिलिट्री इंटेलिजेंस और एसटीएफ ने मिलकर एक फर्जी कर्नल को ढूंढ निकाला है। यह एक ऐसा शख्स था जो कि अपना नाम बदलकर और खुद को सेना भर्ती बोर्ड का कर्नल डीएस चौहान बताकर काफ़ी लोगों से पैसे ठगता था। इससे हुई पूछताछ में पता चला है कि सत्यपाल सिंह यादव नामका यह शख्स कई सारे राज्यों के युवाओं से अब तक करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है। उसके खिलाफ गंगानगर थाने में भी एक रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उसके पास से पुलिस टीम को आईकार्ड के अलावा, कैंटीन कार्ड, फर्जी जॉइनिंग लेटर, सेना की यूनिट और अधिकारियों के नाम की कई मोहर भी बरामद हुई है। वैसे तो सत्यपाल सिंह 2003 में ही सेना में ड्राइवर के पद से ही रिटायर हुआ है। उसके रिटायरमेंट के समय उसकी रैंक नायक की थी। और वह महज दसवीं पास है।आर्मी इंटेलिजेंस को भी काफी समय से ही इस फर्जी कर्नल सत्यपाल सिंह यादव के सेना के नाम पर कई सारे लोगों से ठगी करने की शिकायत मिल रही थी। उसके बाद आर्मी इंटेलिजेंस ने मेरठ STF एएसपी ब्रजेश कुमार सिंह से बात कर इस फर्जी कर्नल की गिरफ्तारी का प्लान बनाया। सोमवार को ही इस फर्जी कर्नल सत्यपाल के कसेरूखेड़ा स्थित मकान पर टीम ने छापा मारकर इसे गिरफ्तार कर लिया, जबकि इस कर्नल के बेटे और बेटी मौका देख वहा से फरार हो गए ।
लोगो पर रौब जमाने के लिए यह सेना की वर्दी में ही लड़के अपने साथ रखता था
एसटीएफ ने यह भी बताया की फर्जी कर्नल सत्यपाल सिंह लोगों को अपने झांसे में लेने के लिए ही फौजी की वर्दी पहनता था। इसके अलावा वह अपने साथ कुछ लड़कों को भी रखता था। ये लड़के भी आर्मी की ही पूरी यूनिफॉर्म में फर्जी कर्नल के साथ मे ही रहते थे। इस तरह सामने वाले पर अपना प्रभाव जमाकर वह लोगो से पैसे ऐंठता था। अब तक यह 30 से 40 युवकों से लगभग 13 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम की ठगी कर चुका है।
यह मात्र दसवीं फेल, 1985 में इंडियन आर्मी में हुआ था भर्ती
इंटेलिजेंस और STF की पूछताछ में यह भी पता चला की सत्यपाल 1985 में ही इंडियन आर्मी में भर्ती हुआ था। और 2003 में वह नायक की रैंक पर ड्राइवर की पोस्ट से ही रिटायर हुआ था। वैसे तो सत्यपाल खुद 10 वीं फेल है। उसकी पोस्टिंग मेरठ, लखनऊ सेंटर, सिक्किम, अमृतसर, श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में भी रही है। रिटायरमेंट के 3 साल बाद ही सत्यपाल को पैरालिसिस भी हो गया था। इसके बाद से ही सत्यपाल ने ज्यादा पैसा कमाने के लिए यह तरीका निकाला।
इसने कर्नल डीएस चौहान की गाड़ी भी चलाई, बाद में यह खुद ही बन गया ‘कर्नल’
एसटीएफ के अनुसार, सत्यपाल सिंह यादव पुत्र करण सिंह ने सेना में चालक पद से ही रिटायर हुआ था। वह पुणे में उस समय तक तैनात कर्नल डीएस चौहान की गाड़ी ही चलाता था। रिटायर होने के बाद सत्यपाल सिंह ने इन्ही कर्नल डीएस चौहान के नाम की एक प्लेट बनवाई। इसने कर्नल की वर्दी पहनकर ही एक फर्जी फोटो आईडी भी अपने लिए तैयार कर ली थी।
इसका पूरा परिवार ही है इस ठगी में शामिल
इंटेलिजेंस और STF की पूछताछ में पता चला की फर्जी कर्नल सत्यपाल भारतीय सेना के भर्ती केंद्र का कर्नल बताकर ही लड़कों को झांसे में लेता था। इससे आगे का काम उसका बेटा रजत किया करता था। सत्यपाल पर 2019 में मेरठ में धारा 420, 406, 506 का मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। सत्यपाल का बेटा रज, उर्फ देवेंद्र और इसकी बेटी भी इस काम में अपने पिता और भाई का पूरी तरह से साथ देती थी। रजत अपने लैपटॉप पर टाइप करके इसके लिए प्रिंट निकलता। यही फर्जी लेटर वह अलग-अलग जगहों से स्पीड पोस्ट भी करता था।
इन लोगो ने एलडीसी क्लर्क भर्ती के नाम पर भी की लाखों की ठगी
एसटीएफ़ की पूछताछ में फर्जी कर्नल ने बताया कि उसने सुनील यादव, उसकी बहन पूनम कुमारी को भी फौज में एलडीसी क्लर्क के पद पर भर्ती करने का लालच दिया था। इस भर्ती के लिए भी सत्यपाल ने सुनील से कुल 16 लाख रुपए 2 साल पहले लिए थे। यह रकम लेकर सत्यपाल ने सुनील और उसकी बहन पूनम दोनों के नाम से मई में एक फर्जी जॉइनिंग लेटर दिया था।
जान ले लखनऊ में पकड़ा गया इसका फर्जीवाड़ा
जॉइनिंग लेटर मिलने के बाद से पूनम और सुनील 7 मई को ही लखनऊ रिक्रूटमेंट ऑफिस हेड क्वार्टर 236 एमजी रोड लखनऊ कैंट 2 पर पहुंचे। यहां उन्हे पता चला कि यह जॉइनिंग लेटर तो पूरी तरह से फर्जी है उस समय उन्होंने इसकी शिकायत की जिस पर मुकद्दमा दर्ज हुआ था ।
इस मामले में दोषी ने आर्मी इंटेलिजेंस और STF को भी धमकाया
जिस समय आर्मी इंटेलिजेंस और एसटीएफ की टीम ने इस आरोपी सत्यपाल के घर पर छापा मारा तब उलटे उसने टीम को ही धमकाया। उसने कहा, मैं एक कर्नल हूं सब पर ही मुकदमा कर दूंगा। लेकिन जैसे ही उसके साथ सख्ती हुई तो वह सारा सच उगलता चला गया।
उसके पास से काफी दस्तावेज हुए बरामद
इस फर्जी कर्नल सत्यपाल के पास से टीम को 5 अलग अलग जॉइनिंग लेटर, 5 मुहरें, प्रिंटर, भारतीय फौज के कर्नल की यूनिफॉर्म, फर्जी आईडी कार्ड भी मिले हैं। कई और अहम दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। शिकायतकर्ता की तहरीर पर गंगानगर थाना पुलिस ने धारा 420,467,468,471,171, 120B के तहत ही एक मुकदमा भी दर्ज कर लिया है। बाकी इंटेलिजेंस एजेंसियां भी इससे पूछताछ में जुट गई हैं।