AIN NEWS 1: हिंदुत्व की आवाज मुखर होकर उठाने वाले पूर्व मेरठ महानगर अध्यक्ष हिन्दू जागरण मंच को मेरठ प्रशासन की ओर से गुंडा एक्ट और जिला बदर का एक नोटिस जारी किया गया है। जिसपर इस हिन्दू नेता ने प्रशासन की इस कार्यवाही का पूरी तरह से विरोध करते हुए इसे मात्र एक राजनीतिक षड्यन्त्र करार दे दिया है। उनका इस पूरे मामले में कहना है कि वो इस बार हापुड़ लोकसभा सीट से अपनी चुनावी तैयारी के चलते ही राजनीतिक दबाव के कारण ही प्रशासन इनपर यह कार्रवाई कर रहा है। जबकि उसने तो हमेशा ही समाज के लोगों के न्याय के लिए ही अभी तक लड़ाई लड़ी है।
इस मामले में बता दें हिन्दू नेता सचिन सिरोही को शुक्रवार शाम को ही 5 बजे प्रशासन की ओर से यानी सिविल लाइन पुलिस की ओर से ही नोटिस मिला है कि क्यों न उन पर गुंडा एक्ट और जिला बदर की कार्रवाई की जाये। सचिन सिरोही को इस पूरे मामले में अपना स्पष्टीकरण रखने के लिए प्रशासन ने 16 अक्टूबर को 11 बजे तक सुबह कार्यालय में पेश होने के लिए ही कहा है। हिन्दू नेता सचिन सिरोही का इस दौरान कहना है कि पुलिस प्रशासन मेरा और मेरे परिवार का लगातार ही उत्पीड़न कर रहा है। चूँकि मैंने अपने हिन्दू समाज के लोगों की आवाज को उठाते हुए पुलिस प्रशासन की गलत कार्यशैली को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसके लिए अवगत कराया था। जिसकी वजह से ही प्रशासन और पुलिस मिलकर द्वेष भावना से उसे ही उसे दंडित करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। वह एक भाजपा का कार्यकर्ता होने के नाते ही मेरठ हापुड़ लोकसभा सीट से आने वाले चुनाव की तैयारी कर रहा है। जिस वजह से ही राजनीति विद्वेष के चलते हुए मेरठ पुलिस प्रशासन किसी राजनितिक दबाव में काम कर रहा है। जिससे चुनाव के संपन्न होने तक उस पर पहले से ही गुंडा एक्ट और जिला बदर की कार्रवाई कर इनको चुनाव लड़ने से रोका जाए। सचिन सिरोही ने यह भी बताया कि वह जल्दी ही प्रशासन की इस कार्रवाई को लेकर ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेंगे । उन्होंने कहा कि प्रदेश में हिन्दुओं की आवाज उठाने वाले प्रत्येक ही हिन्दुवादी लोगों पर झूठी कार्रवाई करके हिन्दू समाज की आवाज को पूरी तरह से कुचलने का काम मेरठ पुलिस प्रशासन द्वारा इस समय किया जा रहा है। जिससे भविष्य में पार्टी को काफ़ी ज्यादा नुकसान होगा । हिन्दू समाज में पूरे प्रशासन की इस तरह की कार्रवाई से समाज में काम करने वाले व अन्य समाज के लोगों में भी सरकार के प्रति विरोधाभास जैसे परिणाम आ सकते हैं।