AIN NEWS 1 लखनऊः उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी की सुप्रीमो मायावती अक्सर अकेले ही नजर आती थी। कभी उनके साथ पार्टी का कोई और नेता नहीं होता लेकिन इस बार सोशल मीडिया पर एक ऐसा वीडियो वायरल है, जिसमें प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए आईं हुई बीएसपी सुप्रीमो पहली बार मंच पर अकेले दिखाई नहीं दे रही हैं। अभी पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक पत्रकार वार्ता के दौरान उनके साथ मे दो और लोग भी दिखाई दिए हैं। हालांकि, ‘केंद्रीय’ कुर्सी पर तो केवल मायावती ही बिराजीं हुई है लेकिन बाकी के दो ओर लोग भी उनके पास किनारे पर रखे हुए एक ही सोफे पर ही बैठते दिखाई दे रहे हैं ।
आख़िर ये दोनों लोग कौन हैं, जो बसपा सुप्रीमो के साथ एक ‘दुर्लभ’ फ्रेम में इस तरह से नजर आए हैं?
दरअसल मायावती का अपने कार्यकर्ताओं के साथ एक मीटिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है। वीडियो में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती अपनी कुर्सी पर आकर बैठती हैं। सामने ही पार्टी के कार्यकरता भी बैठे हैं लेकिन सबकी ही नजर मायवती की कुर्सी की दाहिनी ओर रखे हुए एक सोफे पर है, जिस पर भी दो लोग आकर बैठते हैं। वैसे तो मायावती की पब्लिक मीटिंग्स में आमतौर पर ऐसी कोई भी कुर्सी या कोई सोफा नहीं रखा जाता है। उनके सामने मीडिया हो या पार्टी के कार्यकर्ता, वह अकेले ही सभी को संबोधित करती देखी गई हैं लेकिन इस बार इस खास सोफे ने सबका ध्यान ही अपनी ओर खींच लिया है। इस सोफे पर बैठने वाले पहले शख्स मायावती के ही छोटे भाई आनंद कुमार हैं। जान ले आनंद कुमार एक बिजनसमैन ही हैं। नोएडा प्राधिकरण में पहले क्लर्क की नौकरी करने वाले आनंद कुमार ने बाद में व्यापार में भी अपना हाथ आजमाया था। आरोप है तो यह भी है कि मायावती ने मुख्यमंत्री रहते हुए अपने भाई की कई कंपनियों को काफ़ी ज्यादा मदद पहुंचाई थी। उन्हें फ्लैट भी औने-पौने दाम में ही बेचे गए थे। इसे लेकर भी हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस में भी एक बेहद चौंकाने वाली रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी।वहीं, इस सोफे पर बैठने वाले इस दूसरे व्यक्ति आकाश आनंद हैं। वो मायावती के सगे भतीजे आकाश आनंद, जिन्हें भी हाल ही में बसपा सुप्रीमो ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में अपनी पार्टी की चुनावी तैयारियों की जिम्मेदारी भी सौंपी है। वैसे तो मायावती अक्सर अपने भतीजे आकाश आनंद को कई बार राजनैतिक मंचों पर पार्टी का प्रतिनिधित्व भी सौंपती रहती हैं। माना तो यह जाता है कि मायावती उन्हें राजनीति में अपने उत्तराधिकारी के तौर पर ही अच्छे से गढ़ रही हैं, जो उनके बाद पूरी पार्टी बसपा की कमान संभालेंगे।