AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के मेरठ से सामने आए एक सनसनीखेज मामले ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते हुए एक इंस्पेक्टर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि गिरफ्तारी के वक्त भी आरोपी अधिकारी का रौब कम नहीं हुआ। पूरी कार्रवाई कैमरे में कैद हो गई और अब वही वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
एंटी करप्शन टीम के सामने दिखाई दबंगई
जानकारी के अनुसार, जैसे ही एंटी करप्शन टीम ने आरोपी इंस्पेक्टर को हिरासत में लेकर सरकारी गाड़ी में बैठाने की कोशिश की, उसने खुद को कानून से ऊपर समझते हुए हेकड़ी दिखानी शुरू कर दी। वह टीम के अधिकारियों को धमकाने के अंदाज में बात करता नजर आया और कई बार मामला “सेटल” करने की पेशकश भी करता रहा। हालांकि, एंटी करप्शन टीम ने उसकी एक न सुनी और पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई को अंजाम दिया।
Jeffrey Epstein Files पर ट्रम्प का बड़ा बयान: बेगुनाहों की इमेज खराब होगी, मेरी भी कुछ फोटोज हैं
वीडियो में कैद हुई वर्दी की शर्मिंदगी
गिरफ्तारी के बाद सामने आए वीडियो में आरोपी इंस्पेक्टर पहले अपने हाथ से चेहरा ढकता हुआ दिखाई देता है, मानो उसे अपने किए पर शर्म आ रही हो। लेकिन कुछ ही सेकंड बाद वह हाथ हटा लेता है और फिर उसी रौबदार चाल में चलता नजर आता है, जैसे कुछ हुआ ही न हो। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और आम लोगों से लेकर पुलिस महकमे तक में चर्चा का विषय बना हुआ है।
कंकरखेड़ा थाने में पूछताछ जारी
एंटी करप्शन टीम आरोपी इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर कंकरखेड़ा थाने लेकर पहुंची, जहां उससे गहन पूछताछ की जा रही है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि यह रिश्वतखोरी किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा तो नहीं थी। साथ ही यह भी खंगाला जा रहा है कि आरोपी ने इससे पहले भी किसी और को इस तरह से परेशान कर अवैध वसूली की है या नहीं।
पीड़ित की हिम्मत से हुआ खुलासा
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इस पूरे मामले का खुलासा एक पीड़ित युवक की शिकायत के बाद हुआ। युवक लंबे समय से इंस्पेक्टर की प्रताड़ना झेल रहा था। आरोपी इंस्पेक्टर महेंद्र कुमार उस पर लगातार दबाव बनाकर 4 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहा था। डर और मानसिक तनाव के बावजूद युवक ने साहस दिखाया और एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया।
लिखित शिकायत के बाद बनी रणनीति
पीड़ित युवक ने पूरे मामले की लिखित शिकायत एंटी करप्शन टीम को दी। शिकायत की जांच और सत्यापन के बाद टीम ने आरोपी को पकड़ने के लिए ट्रैप बिछाने का फैसला किया। यह पूरी प्रक्रिया बेहद गोपनीय तरीके से की गई ताकि आरोपी को किसी तरह की भनक न लग सके।
केमिकल लगे नोटों से बिछाया गया जाल
एंटी करप्शन टीम ने पीड़ित को 4 लाख रुपये के केमिकल लगे नोट सौंपे और इंस्पेक्टर द्वारा बताए गए स्थान पर भेजा। यह जगह रोहटा रोड स्थित संगम टावर के पास तय की गई थी। जैसे ही आरोपी इंस्पेक्टर ने पीड़ित से रुपये लिए, टीम ने तुरंत दबिश दी और उसे मौके पर ही रंगे हाथों पकड़ लिया।
पुलिस विभाग में मचा हड़कंप
इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। एक ओर जहां आम जनता इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी सफलता मान रही है, वहीं दूसरी ओर विभाग के भीतर भी इस मामले को लेकर खलबली मची हुई है। अधिकारी अब यह जानने में जुटे हैं कि कहीं यह मामला सिर्फ एक इंस्पेक्टर तक सीमित तो नहीं है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश
यह कार्रवाई न केवल पुलिस विभाग के भीतर व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करती है, बल्कि यह भी संदेश देती है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। चाहे वर्दी में बैठा अधिकारी ही क्यों न हो, अगर वह गलत करेगा तो उसे जवाब देना ही पड़ेगा।
आगे की जांच जारी
फिलहाल आरोपी इंस्पेक्टर से पूछताछ जारी है और एंटी करप्शन टीम इस केस से जुड़े हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही है। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
An Anti Corruption Team in Meerut arrested Inspector Mahendra Kumar red-handed while accepting a ₹4 lakh bribe. The corruption case, captured on video, has gone viral on social media and raised serious questions about bribery within the police department. Authorities are investigating whether the inspector was part of a larger corruption network.



















