AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक ही परिवार के 7 सदस्यों ने खुद को खुद ही कमरे में कैद कर लिया। एक हफ्ते तक कोई हलचल न होने पर पड़ोसियों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस को वहां एक कमरे में 2 महिलाएं और 5 बच्चे फर्श पर ही बेसुध पड़े मिले। और वो पुलिस से सभी को बाहर जाने की बात कहने लगे। लेकिन पुलिस ने सभी को पकड़कर बड़ी मुश्किल से एक एम्बुलेंस में बैठाया। इन सभी के चेहरों पर कोई रंग लगा था। पुलिस को इस कमरे में भगवान की चौकी भी लगी मिली।
ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इन लोगों ने तंत्र-मंत्र के चलते ही खुद को इस प्रकार से कमरे में कैद किया था। इन सभी 7 लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) से राजकीय मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया है। यह मामला तिलहर थाना क्षेत्र के बहादुरगंज का बताया जा रहा है।पुलिस ने बताया कि बहादुरगंज में रहने वाला बनारसी लखीमपुर खीरी में ही कुछ जड़ी बूटी बेचने का काम किया करता है।
और उसी घर में सातों लोग बच्चे एक कमरे में कैद मिले हैं। इस घर में अंदर से ही ताला लगा था। और काफ़ी खटखटाने पर भी कोई खोलने नहीं आ रहा था। इस घर में एक हफ्ते तक कोई भी हलचल न होने पर पड़ोसियों ने बनारसी को फोन किया, लेकिन उसने भी फोन नहीं उठाया ।
जाने मेन गेट पर भी अंदर से लगा था ताला
इसके बाद पड़ोसियों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने लोगों की मदद से घर के मेन गेट का ताला किसी तरह से तोड़ा। इसके बाद उस कमरे की कुंडी तोड़ी, तो कमरे के अंदर बनारसी की पत्नी संतो कौर (50), शीतल (25), प्रीती (21), अंजलि (18), सुजाता (15), कामनी (14), संजय (12) पूरी तरह बेसुध पड़े मिले।
उन सभी के चेहरों पर लाल रंग भी लगा था और सभी भूख-प्यास से काफ़ी तड़प रहे थे। इनमें एक किशोरी का चेहरा भी बुरी तरह से ही सूजा हुआ था। और सभी बहकी-बहकी बातें कर रहे थे सभी लोग पुलिस के अनुसार, महिलाएं और बच्चे किसी भी सवाल का कोई भी सही से जवाब तक नहीं दे पा रहे थे। वो सभी काफ़ी ज्यादा बहकी-बहकी बातें कर रहे थे। पुलिस के अंदर पहुंचते ही सभी जयकारे लगाने लगे और सभी को बाहर जाने की बात कहने लगे।
आनन-फानन में पुलिस ने एक एम्बुलेंस से सभी को CHC भेजा। जहां से 3 की हालत अभी भी काफ़ी गंभीर होने पर राजकीय मेडिकल कॉलेज उन्हे रेफर किया गया है। इन सभी ने खुद को कमरे में इस प्रकार कैद क्यों किया, इसकी जांच की जा रही है। इनके पड़ोसियों के मुताबिक, इनके घर में तंत्र मंत्र चल रहा था। जिसके चलते ही इन सभी ने खुद को कमरे में बंद किया। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सजर अहमद ने बताया कि एक हफ्ते से इन लोगों ने कुछ भी खाया-पीया नहीं है। और उनकी हालत काफी ज्यादा खराब है। इन सभी का इलाज किया जा रहा है।पुलिस से बोली शीतल- मौत के बाद से ही मेरे पति मिलने आते हैं। पुलिस के मुताबिक, बनारसी की बेटी शीतल की 5 साल पहले ही विशाल से शादी हुई थी। पिछले साल विशाल ने फांसी लगाकर अपनी आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद से शीतल अपने मायके आ गई थी और वह यहीं रह रही थी। शीतल का कहना है, “मेरे पति की असमय मौत हुई है। मौत के बाद से मेरा पति सपने में आता है। नवरात्रि पर व्रत के दौरान मैंने उसके कहने पर ही व्रत रखा था। मेरे पति ने मुझसे भूखे-प्यासे रहकर राम नवमी पर हवन करने के बाद घर में ही चौकी लगाने को कहा था। इसलिए 29 मार्च को हम लोग घर के अंदर चौकी लगाकर ही बैठ गए थे। कोई भी कुछ खा नहीं रहा था। यहां तक कि किसी ने पानी भी नहीं पिया था। मैंने सभी परिजनों को काला धागा भी बांधा था और बालाजी का अनुष्ठान करने लगे थे। ”
बहादुरगंज थाने इंस्पेक्टर राजकुमार शर्मा ने भी बताया, “सूचना मिलते ही मौके पर जाकर जब कमरे का दरवाजा खोला। वहां बनारसी की पत्नी संतो कौर और बेटी शीतल समेत 7 लोग कमरे के अंदर ही बेसूध पड़े मिले। शीतल और संतो तो अनुष्ठान में लीन थे, जबकि बाकी लोग वही लेटे हुए थे। ऐसा लग रहा है कि शीतल और संतो कौर अंधविश्वासी व कोई मनोरोगी हैं। शीतल के कहने पर ही ऐसा किया गया है। फिलहाल इन सभी को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। “