AIN NEWS 1: 2012 बैच की आईपीएस अधिकारी शालिनी अग्निहोत्री ने कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में अपना कार्यभार संभाला। जिले में पहली बार किसी महिला को इस पद पर प्रतिनियुक्त किया गया है। वैसे तो अग्निहोत्री इससे पहले कुल्लू और मंडी जिलों में भी एसपी रह चुकी हैं।शालिनी अग्निहोत्री ने कहा कि उनकी सबसे पहले प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना होगा कि जनता खुद को सुरक्षित महसूस करे। उन्होंने कहा कि वह मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध खनन को रोकने के लिए अपने पूरे प्रयास करेंगी।
जाने वह बनी पहले ही प्रयास में आईपीएस अफसर
शालिनी अग्निहोत्री ने यूपीएससी एग्जाम की खुद से ही तैयारी की। उन्होंने इसके लिए कोई भी कोचिंग नहीं ली। मई 2011 में यूपीएससी की उन्होने परीक्षा दी और 2012 में उनके इंटरव्यू का परिणाम भी आ गया। शालिनी अपने पहले ही प्रयास में आईपीएस अफसर बन गई।
जाने के एसपी शालिनी के पिता थे एक कंडक्टर
शालिनी अग्निहोत्री के पिता रमेश अग्निहोत्री बस के कंडक्टर थे, लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाने में कोई भी किसी भी प्रकार की कमी नहीं छोड़ी। शालिनी की बड़ी बहन भी डॉक्टर हैं। वहीं उनका भाई भी एनडीए पास करके अभी आर्मी में हैं।
उसने ठान लिया था के एक दिन बड़ी अफसर बनेंगी
शालिनी अग्निहोत्री बचपन में ही अपनी मां के साथ एक बस में सफर कर रही थी। और पिछली सीट में बैठे शख्स ने उनकी मां की सीट पर हाथ रखा हुआ था, जिससे उन्हें काफी असुविधा हो रही थी। शालिनी ने उस शख्स को हाथ हटाने को कहा तो उसने अपने जवाब में कहा कि तुम कहीं की एसपी लगी हो क्या। उसी दिन शालिनी ने ठान लिया था की वो एसपी बनेंगी।
अपने घरवालों को बिना बताए ही की तैयारी
शालिनी अग्निहोत्री ने घरवालों को बिना बताए यूपीएससी एग्जाम की अपनी पूरी तैयारी की। और वो अपने पहले ही प्रयास में आईपीएस अफसर बन भी गई।
और अब हिमाचल के सबसे बड़े जिले की एसपी बनी
अब शालिनी अग्निहोत्री को हिमाचल प्रदेश के एक सबसे बड़े जिला कांगड़ा की एसपी बनने का गौरव हासिल हुआ है। और वो कांगड़ा की सबसे पहली महिला एसपी भी बन गई हैं।
जाने कांगड़ा से पहले भी इन जिलों में बतौर एसपी दे चुकी हैं अपनी सेवाएं
शालिनी अग्निहोत्री कांगड़ा से पहले कुल्लू और मंडी जिले में भी बतौर एसपी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। कुल्लू से प्रथम आईआरबीएन में उनका स्थानांतरण भी हुआ था। इसके बाद स्टेट विजिलेंस व एंटी क्रप्शन ब्यूरो में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी।
जाने वह ट्रेनिंग के दौरान भी सर्वश्रेष्ठ कैडेट बनी थी
आईपीएस शालिनी वैसे तो ऊना जनपद के ठठुल गांव की ही रहने वाली हैं। और उनकी उपलब्धियों की फेहरिस्त बेहद ही लंबी है। आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान भी वह सर्वश्रेष्ठ कैडेट बनी थी।