एक बार फिर से टमाटर के दामों में हुई बढ़ोतरी ! कीमतें फिर पहुंची 200 रुपये के पार।
इन दिनों सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. जिसके चलते रसोई का जायका फीका हो गया है. तेज बारिश के चक्कर में काफी फसले खराब हो गई है फसले खराब होने के चक्कर में महगाई आसमान छु रही है। और कुछ इलाको मे आई बाढ़ के चक्कर में लोगों की जेब पर भारी पड़ रही है। टमाटर के साथ बाकी भी सब्जियां अपना तेवर बढ़ा रही हैं. कोई भी सब्जी 30 रुपए से नीचे नहीं है. बात अदरक की जाए तो अदरक 280 के पार है. दालें भी कम मंहगी नही है .अरहर की दाल 170 रुपए किलो बिक रही है. जिससे आम आदमी की रसोई का बजट बिगड़ा हुआ है.
वही हरी सब्जियों की कीमतों में लगातार तेजी कायम है। दो सहकारी समितियों की तरफ से टमाटर की बिक्री की गई, जिसके चलते फुटकर बाजार में टमाटर 200 रुपये प्रतिकिलो से गिरकर 139 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया था, लेकिन अब फिर दाम बढ़ रहे हैं।
एक बार फिर से फुटकर बाजार में टमाटर की कीमतें 200 रुपये के पार पहुंच गई हैं। राजधानी के कई इलाकों में शनिवार को टमाटर 210 रुपये प्रतिकिलो तक भी बिका, क्योंकि सफल में भी टमाटर के दाम 179 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गए हैं। वही मंडी हाउस के पास स्टॉल लगाकर सब्जी बेचने वाले आशु कहते हैं कि इस बार सब्जी मंडी में भी कीमतें काफी ज्यादा हैं। कई बार सब्जी खरीदते वक्त डर लगता है कि अगर इतनी महंगी सब्जी नहीं बिकेगी तो भारी नुकसान होगा, क्योंकि अच्छी गुणवत्ता वाला टमाटर मंडी में भी 140-150 रुपये किलो के आसपास मिलता है। 25 किलोग्राम की कैरट आती है, जिसमें से एक दो किलो टमाटर खराब भी निकल जाता है। अब महंगा टमाटर दो-तीन दिन में नहीं बिकता है तो उससे घाटा होता है। इसलिए फुटकर व्यापारी सारी चीज का आकलन करने के बाद सब्जी की कीमतें निर्धारित करते हैं।
दिन पर दिन महंगाई को लेकर के टमाटर के साथ मामले मे दूसरी सब्जियां भी टमाटर को टक्कर दे रही हैं। इनमें शिमला मिर्च, बीन्स, फूल गोभी सबसे आगे हैं, जिनकी कीमतें डेढ़ सौ रुपये प्रति किलोग्राम या उससे अधिक है। बाकी आलू को छोड़ दिया जाए तो दूसरी सब्जियां भी 50 रुपये प्रतिकिलो से पार हैं। गरीब लोगो को खाना खाने में मुश्किल होने लगा है अब देखते है कि है कब तक इसी तरह मंहागी बढ़ती रहेगी।