AIN NEWS 1: बता दें पीओके में स्थित हुंजा घाटी में रहने वाले बुरुशो समुदाय के लोग अपने यूनिक लाइफस्टाइल का बहुत कड़ाई से पालन करते हैं. ये लोग शारीरिक और मानसिक रूप से काफ़ी मजबूत होते हैं.
कहा जाता है इनकी जीवनशैली ही है जो इनकी लंबी जिंदगी का रहस्य है. आइए इसके बारे में कुछ बाते जानते हैं.मीडिया से मिली रिपोर्ट्स के मुताबिक, हुंजा घाटी में रहने वाले लोग हर दिन सुबह 5 बजे ही उठ जाते हैं
और फिर यह सब मॉर्निंग वॉक करते हैं. ये लोग एक दिन में सिर्फ दो बार ही खाना खाते हैं. बार-बार खाने में ये विश्वास बिलकुल नहीं करते हैं.बुरुशो समुदाय के लोग कभी भी प्रोसेस्ड फूड नहीं खाते हैं. ये पारंपरिक तरीके से पकाए गए खाने को ही खाते हैं, जिसमें किसी भी तरह का केमिकल नहीं मिला होता है. ये लोग अपने खेतों में फसलों के ऊपर कभी भी कोई कीटनाशक दवा नहीं डालते हैं.हुंजा वैली में रहने वाले बुरुशो समुदाय के लोगों को दूध, दही और फल खाना बहुत ज्यादा पसंद होता है.
इसे के अलावा ये अनाज के रूप में जौ, गेहूं, बाजरा और कुट्टू का आटा भी खाते हैं.गौरतलब है कि हुंजा समुदाय के लोग बुरुशास्की भाषा बोलते हैं.
दुनियाभर से लोग पहाड़ों में छिपी इस समुदाय की खूबसूरती को देखने आते हैं. बुरुशो समुदाय के लोगों की संख्या 1 लाख से कम है, लेकिन ये बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करते हैं.