AIN NEWS 1: शहर में ईडीसी (बाहरी विकास शुल्क) और आईडीसी (ढांचा विकास शुल्क) शुल्क अभी तक भी जमा नहीं कराने वाले बिल्डर की संपत्ति अब अटैच होगी। 350 से अधिक बिल्डर पर 2700 करोड़ रुपये ईडीसी और आईडीसी के रूप में भी बकाया हैं। इस दौरान जिन लोगों का शुल्क अभी तक बकाया है अब उनकी लिस्ट भी साझा की गई है।
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग अपने बड़े बकायेदार की बिल्डर सूची तैयार कर रहा है। इसके बाद बिल्डर को नोटिस देकर बकाया राशि जमा कराने के अपने दिशा-निर्देश दिए जाएंगे। बकाया राशि नहीं चुकाने पर उन पर कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। पिछले साल डीटीपी प्रवर्तन की ओर से ऐसे सभी बिल्डर की प्रॉपर्टी अटैच की गई थी। इस बार भी ऐसे ही काफ़ी सख्त कदम उठाए जाएंगे।
जाने इनका बकाया है शुल्क
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अनुसार एईजेड इंफ्राटेक लिमिटेड, एमार, गुलाब फार्म प्राइवेट लिमिटेड, डीएलएफ, सहारा, वाटिका, एस्सल, जीएलएस, सीएचडी, न्यू इंडिया, आमया, एमार एमजीएफ, कोजेंट रीयल्टर्स, पॉयनियर, रहेजा समेत अन्य बिल्डर हैं, जिनके खिलाफ शुल्क बकाया है। बिल्डर ने सेक्टर बसाने के दौरान आईडीसी और ईडीसी के नाम पर निवेशकों से राशि वसूल कर सह राशि प्रदेश सरकार के पास जमा करानी थी, लेकिन यह अभी तक जमा नहीं कराई गई है। इनमें कुछ बिल्डर द्वारा तो ईडीसी की राशि भी दे दी गई थी, लेकिन अधिकतर नामी बिल्डर ने अब तक इसको जमा नहीं कराया है।
अधिकारियों की मानें तो 2700 करोड़ रुपये ईडीसी और आईडीसी बकाया हैं। वरिष्ठ नगर योजनाकार के मुताबिक द्वारका एक्सप्रेसवे तथा एसपीआर रोड पर तीन लाख प्लॉटेड कॉलोनी, नौ ग्रुप हाउसिंग, 13 कॉमर्शियल परियोजना के लिए 227 से अधिक लाइसेंस भी दिए गए हैं। फ्लैट, फ्लोर, विला और प्लॉट भी इसमें हैं।
पिछले साल की कार्रवाई का असर नहीं हुआडीटीपी प्रवर्तन की ओर से अगस्त 2022 में कुल 18 बिल्डरों पर यह करोड़ों रुपये ईडीसी बकाया को लेकर ही कार्रवाई की गई थी। इन सभी बिल्डरों के आवासीय से लेकर व्यावसायिक प्रोजेक्ट थे। इन प्रोजेक्ट में जो खरीद- फरोख्त पर रोक लगा दी थी। सभी प्रोजेक्ट पर नोटिस भी चस्पा कर दिया गया था कि कोई भी इनकी संपत्ति को नहीं खरीदे। तहसील में भी बिल्डरों की संपत्तियों की खरीद-बिक्री की रजिस्ट्री से लेकर लीज डीड तक रोक लगी थी। इसके बाद बिल्डरों पर काफ़ी असर पड़ रहा है । और अब फिर से बिल्डरों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है।
वरिष्ठ नगर योजनाकार, संजीव मान ने कहा कि बकायेदार बिल्डर की पूरी सूची तैयार हो रही है। इसके बाद ही विभाग की ओर से नोटिस भेजे जाएंगे। सरकार की ओर से भी बकाया न देने पर संपत्ति अटैच करने के निर्देश हैं।
जाने सामिया बिल्डर का निदेशक गिरफ्तार
सामिया इंटरनेशनल बिल्डर्स के डायरेक्टर सगीर अहमद खान को पुलिस ने अब गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। उन पर प्लॉट बेचने के नाम पर धोखाधड़ी समेत कुल चार मुकदमे दर्ज हैं। अन्य आरोपी कंपनी मालिक जमील ए खान अभी भी फरार हैं। कोतवाली रुद्रपुर में शुक्रवार को एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने यह पूरी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि फरदीन खान पुत्र मो. सहजाद खान, डॉ. फरहीन खान, फिरदोस खान पत्नी सहजाद खान और मोहम्मद सहजाद खान ने सामिया इंटरनेशनल बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड / सामिया लेक सिटी के मालिक जमील ए खान और डायरेक्टर सगीर अहमद खान जो निवासी गाजियाबाद को प्लॉट की रजिस्ट्री के एवज में वर्ष 2011-2012 में कुल 48,30,000 रुपये इन्हे दिए। आरोप था कि निर्धारित प्लॉट के बजाय किसी अन्य प्लॉट की कूचरचित रजिस्ट्री तैयार कर उनसे यह रकम ले ली गई। और प्लॉट पर अभी तक कब्जा नहीं दिया गया। धनराशि वापस मांगने पर देने से इन्होंने इनकार कर दिया। पुलिस ने इनकी तहरीर पर दोनों आरोपियों के खिलाफ मे मुकदमे दर्ज किए थे।