एमएमजी अस्पताल में डायरिया के कारण चार बच्चो की हो गई मौत !
दिन पर दिन गर्मी के कारण भी बीमारियां लगतार बढ़ रही है । उल्टी दस्त और बुखार से लोग पीड़ित होकर अस्पताल का चक्कर लगा रहे है। बुखार और डायरीया से पीड़ित मासूम समेत तीन लोगों की मौत हो गयी है। डायरिया और बुखार से पीड़ित करीब एक दर्जन लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती भीा कराया गया है। आपको बता दे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 72 घंटे में शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में डायरिया से चार बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें से सिर्फ एक बच्ची का इलाज संयुक्त अस्पताल में शुरू हो पाया था, जबकि तीन बच्चे अस्पताल पहुंचने पर दम तोड़ चुके थे। चारों बच्चों के मां-बाप गरीब परिवार से थे। बताया जा रहा है कि रविवार को एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी में 23 और संयुक्त अस्पताल में 14 डायरिया के मरीज भर्ती हुए हैं। इनमें 90 फीसदी मरीज ऐसे हैं जो गरीब परिवार वाले हैं और तेजी से बढ़ रहे मरीजों को देखते हुए सीएमओ ने सभी सीएचसी, पीएचसी और जिला अस्पतालों में डायरिया के इलाज की दवाई का स्टॉक बढ़ाने का निर्देश दिया है।
गाजियाबाद के एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी में शुक्रवार की रात गंभीर हालत में लाई गई ढाई महीने की बेटी इंशा और विजय नगर निवासी अजीत की छह माह की बेटी वंशिका और संयुक्त अस्पताल में शनिवार की रात गोविंदपुरम में झुग्गी में रहने वाले जाहिद की एक साल की बच्ची मोमिना को डॉक्टरों ने मृतक घोषित कर दिया। जबकि नासिरपुर निवासी सुनील कुमार की डेढ़ साल की बच्ची रितिका की मौत संयुक्त अस्पताल से रेफर होने के बाद हुई थी। चारों बच्चों की मौत दो दिन उल्टी-दस्त होने पर हुई। अस्पताल के सीएमएस डॉ. मनोज कुमार चतुर्वेदी ने जानकारी दी और कहा कि दोनों बच्चियों की अस्पताल पहुंचने से पहले मौत हो चुकी थी और अभी बाकी के बच्चो का उपचार चल रहा है हमें उम्मीद है ये सब भी जल्दी से ठीक हो जाऐगे.
बता दे कि ज्यादा बारिश होने के कारण जगह जगह बाढ़ का पानी भर गया है इससे लोगो को काफी ज्यादा समस्या हो रही है । बाढ़ के पानी भरने के चक्कर में लाईट की भी काफी ज्यादा समस्या देखने को मिल रहे है । जानकारी के मुताबिक आपको बता दे कि एमएमजी अस्पताल में सुबह आठ बजे से चार बजे तक आठ बार बिजली कटौती हुई। इस कारण से बच्चा वार्ड और महिला वार्ड में महिलाएं बच्चों को गर्मी से राहत दिलाने के लिए हाथ से पंखा करती रहीं। कई महिला तीमारदार उमस भरी गर्मी से बचने के लिए बच्चों के लेकर गैलरी में बैठी रहीं। सबसे गंभीर स्थिति इमरजेंसी में रही। सिर्फ दो केबिन में ही इन्वर्टर की लाइट से पंखे की सुविधा मिल रही थी। बाकी कमरों में अंधेरा छाया रहा और मरीज परेशान रहे। एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ. मनोज कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि एमएमजी अस्पताल में बिजली की आपूर्ति बाधित होने से जनरेटर चलाया गया, लेकिन लोड बढ़ने पर वह भी गर्म हो गया तो बंद करना पड़ा। सीएमएस ने बताया कि अस्पताल में बिजली आपूर्ति में सुबह से ही दिक्कत हो रही थी। इस कारण से कई बार बिजली की कटौती भी हुई। इसके बारे में बिजली विभाग को सूचना दी गई थी। शाम को इंजीनियर ने बिजली का फाल्ट दूर किया, इसके बाद कटौती बंद हुई। साथ ही मनोज कुमार का कहना था कि बाढ़ के कारण बिजली घर में पानी भर गया है तभी लाईट की इतनी ज्यादा समस्या लोगो को देखनी पड़ रही है ।