ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर को मरीज से हुआ कैंसर, मेडिकल जगत में मचा तहलका, जर्मनी में हुआ चौंकाने वाला घटना, सर्जन को मरीज के कैंसर से संक्रमित होने का पहला मामला?

0
30

AIN NEWS 1: मेडिकल जगत में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जो चिकित्सा और कैंसर उपचार के क्षेत्र में एक नई बहस छेड़ सकती है। जर्मनी में एक सर्जन को ऑपरेशन के दौरान अपने मरीज से कैंसर हो गया। यह घटना न केवल दुनिया में पहली बार हुई है, बल्कि इसने चिकित्सा समुदाय को भी चौंका दिया है।

घटना की शुरुआत

यह मामला जर्मनी का है, जहां 53 वर्षीय एक सर्जन ने एक 32 वर्षीय मरीज के पेट से एक दुर्लभ प्रकार के कैंसर का ट्यूमर निकालने के लिए ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन के दौरान, सर्जन का हाथ कट गया। हालांकि, सर्जन ने तत्परता से अपने हाथ को डिसइंफेक्ट किया और उसे बैंडेज लगा दिया। किसी को इस घटना से कुछ अधिक चिंता नहीं हुई, क्योंकि ऑपरेशन तुरंत ही संपन्न हुआ और सर्जन को कोई गंभीर समस्या नहीं लगी।

लेकिन पांच महीने बाद, सर्जन ने महसूस किया कि जिस जगह उनके हाथ पर चोट आई थी, वहां एक छोटी सी गांठ विकसित हो गई है। उन्होंने इस गांठ की जांच करवाई और पता चला कि यह गांठ एक घातक ट्यूमर है, जो उसी प्रकार का कैंसर था जो मरीज के शरीर में था।

यह कैसे हुआ?

मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन के दौरान सर्जन के हाथ में जो कट लगा था, उसके माध्यम से मरीज के ट्यूमर के सेल्स सर्जन के शरीर में प्रवेश कर गए थे। आमतौर पर, जब बाहरी टिशू या कैंसर सेल्स शरीर में प्रवेश करते हैं, तो शरीर की इम्यूनिटी उन्हें नष्ट कर देती है। लेकिन इस मामले में, सर्जन की इम्यूनिटी सिस्टम कैंसर सेल्स को नष्ट करने में विफल हो गया, जिससे ट्यूमर उनका शरीर विकसित हो गया।

विशेषज्ञों ने इस मामले की जांच की और पुष्टि की कि यह गांठ उसी कैंसर का परिणाम थी जो मरीज के शरीर में था। यही कारण था कि यह ट्यूमर सर्जन के शरीर में विकसित हो गया। यह मामला पहली बार 1996 में सामने आया था, और अब इसे ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में प्रकाशित किया गया है।

दुर्लभ प्रकार का कैंसर

मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, यह कैंसर का प्रकार ‘मैलिग्नेंट फायब्रस हिस्टियोसाइटोमा’ (Malignant Fibrous Histiocytoma) है। यह कैंसर सॉफ्ट टिशू में विकसित होता है और यह बहुत ही दुर्लभ है। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा मामला न के बराबर होता है और सामान्यत: शरीर के इम्यून सिस्टम बाहरी टिशू और कैंसर सेल्स को स्वीकार नहीं करता है। इस मामले में, सर्जन का इम्यून सिस्टम दुर्बल था, जिसके कारण यह असामान्य घटना घटी।

इलाज और रिकवरी

सर्जन का ट्यूमर सफलतापूर्वक हटा दिया गया, और उनकी स्थिति में सुधार हुआ। उपचार के बाद, दो साल तक डॉक्टर के शरीर में कैंसर फिर से नहीं लौटा। इस घटना के बाद, मेडिकल समुदाय में यह विषय अनुसंधान का नया केंद्र बन गया है। इसने कैंसर से संबंधित रिसर्च में नए पहलुओं को उजागर किया है, जिससे वैज्ञानिकों और चिकित्सकों को कैंसर के इलाज और इम्यून सिस्टम के कार्यप्रणाली को और अधिक गहराई से समझने का अवसर मिला है।

यह घटना न केवल चिकित्सा की दुनिया में एक अनोखी घटना है, बल्कि यह कैंसर के इलाज और इम्यूनिटी सिस्टम के बारे में नए सवालों को भी जन्म देती है। इस मामले ने यह सिद्ध कर दिया कि कैंसर सेल्स शरीर के भीतर आसानी से प्रवेश कर सकती हैं, खासकर यदि शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों को और अधिक अध्ययन करने की आवश्यकता है, ताकि कैंसर से बचाव और उपचार की दिशा में नई तकनीकों का विकास किया जा सके।

इस घटना ने कैंसर के इलाज और चिकित्सा अनुसंधान के नए रास्ते खोलने का काम किया है, जो भविष्य में अन्य मरीजों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here