कचरे से भरे नाले मानसून में बढ़ाएंगे दिल्लीवासियों की परेशानी
दिल्ली इस साल भले ही सितंबर में जी-20 की प्रमुख बैठक होने जा रही है, मगर मानसून से पहसे होने वाली सफाई का कार्य अभी तक पूरा नहीं हो सका है।
लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एंव बाढ़ नियंत्रण विभाग से लेकर दिल्ली नगर निगम के भी नाले अभी तक पूरी तरह साफ नहीं हुए हैं। नागरिक सेवाओं के लिए जिम्मेदार तीनों प्रमुख एजेंसियों ने नालों की सफाई की तारीख 15 जून तक बढ़ा दी है।
दिल्ली नगर निगम ने दावा किया है कि उसके 86 प्रतिशत नाले साफ हो चुके हैं जबकि अन्य दोनों एजेंसियों ने अपने नालों की सफाई का कार्य 90 प्रतिशत होना बताया है।
सवाल यही है कि पहले 15 मई और और 31 मई तक भी नाले साफ क्यों नहीं हो सके हैं, इसके लिए पहले से तैयारी क्यों नहीं गई है, जबकि सभी एजेंसियों को इस साल जी-20 की बैठकों के आयोजन की जानकारी थी।
पूरे मामले पर नजर डालें तो चार माह पहले उपराज्यपाल कार्यालय में हुई बैठक में तय हो गया था कि नालों की सफाई समय पर की जाए।
नालों की सफाई को लेकर मार्च में दिल्ली सरकार की बैठक हुई थी, उसमें भी सभी संबंधित एजेंसियों को नालों की सफाई 15 मई तक हर हाल में करा लेने के निर्देश दिए गए थे। मगर तय समय पर सफाई नहीं हुई तो सभी ने कहा कि 31 मई तक करा देंगे। मगर 31 मई बीत जाने पर भी नाले साफ नहीं हो सके हैं।
ईस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए फेडरेशन के अध्यक्ष बी एस वोहरा कहते हैं कि नालों की सफाई के कार्य में घपला हो रहा है। जो कुछ कागजों में दिखाया जाता है वह जमीन पर नहीं होता है, इसलिए दिल्ली में मानसून के दौरान जल भराव होने पर दिल्ली जलमग्न होती है। इसके लिए एक कमेटी बनाई जानी चाहिए जो दिल्ली भर के नालों की सफाई पर नजर रखे।
ढंके नालों की सफाई में कहीं नहीं दिखतीं सुपर सकर मशीनों
जानकार बताते हैं कि ऊपर से ढंके नालों से गाद निकालने के लिए हर डिवीजन में सुपर-सकर मशीन लगाए जाने के टेंडर किए गए हैं, मगर यह मशीनें कहीं भी चलती नहीं दिख रही हैं।
केवल खुले भागों में श्रमिकों के माध्यम से ही गाद निकालने का काम काम किया गया है। मशीनों वाला अधिकतर भागों में काम नहीं हुआ है। जानकारों की मानें तो ऊपर के स्तर पर पता ही नहीं चलता है और निचले स्तर के अधिकारी खेल करते हैं।
राजधानी में हैं बरसाती पानी निकासी के तीन मुख्य नाले
दिल्ली में बरसाती पानी की निकासी के लिए तीन मुख्य नाले हैं। इनमें एक ट्रांस यमुना, दूसरा बारापुला और तीसरा नजफगढ़ ड्रेन है। इन मुख्य नालों से कुल 201 बड़े नाले मिलते हैं।
ट्रांस यमुना से 34 नाले, बारापुला से 44 और नजफगढ़ ड्रेन से 123 नाले जुड़े हुए हैं। तीनों मुख्य नालों से ही यमुना में बरसाती पानी की निकासी होती है। मगर सफाई ठीक से नहीं होने पर हर जगह पानी रुकता है।
सफाई को लेकर विभाग करा रहा है काम
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता अनंत कुमार ने बताया कि पीडब्लूडी के शत-प्रतिशत नाले साफ हो गए हैं। कुछ इक्का-दुक्का साफ नहीं हुए हैं। ऐसा कहना बिल्कुल गलत है कि नाले साफ नहीं किए गए हैं।
विभाग नालों की सफाई को लेकर पिछले कई माह से काम करा रहा है। 90 प्रतिशत के करीब नाले साफ हो चुके हैं और 10 प्रतिशत नाले साफ होने से रह गए हैं। नालों की सफाई के कार्य पर पूरी तरह निष्पक्षता बरती जाती है।
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुख्य अभियंता अनिल कुमार ने कहा- विभाग ने नालों की सफाई 90 प्रतिशत तक करा दी है। नालों की सफाई का काम लगातार चल रहा है।
बड़े नालों के सफाई कार्य में लटिलता रहती है। मानसून आने से पहले सभी 57 नाले साफ करा दिए जाएंगे। नालों की सफाई के कार्य पर पूरी निगरानी की जा रही है।