Ainnews1.com: बताते चले एक महिला जो बचपन में दर्जी का काम किया करती थी. शादी होती है तो वह घर का खर्च चलाने के लिए घरों में काम करने लगती है. लेकिन, वह जिनके घरों में काम करती है, उनकी लाइफ स्टाइल से बहुत ज्यादा प्रभावित हो जाती है. वह उनकी तरह बनने की कोशिश करती है और उन्हीं घरों में चोरी करके अपना शौक भी पूरा करती है. उसकी चोरी एक दिन पकडी जाती है और फिर उसे जेल हो जाती है. जेल से आने के बाद उसका दर्जी पति उसे घर से निकाल देता है. लेकिन, वह महिला अपने भाग्य को दूसरे तरह से लिखने की ठान लेती है. फिर वह एक चिट फंड कंपनी बनाती है. और वहां भी घाटे में रहती है, लेकिन वह अमीर बनने का ख़्वाब नहीं छोड़ती.यहीं से वह अपराध की दुनिया में चली जाती है और देश की पहली महिला सीरियल किलर बन जाती है. वह महिलाओं को विभत्स तरीके से सायनाइड खिलाकर मार डालती है. किसी को प्रसाद में जहर देती है तो किसी को खाने में उसका नाम है केडी केंपम्मा. जिसे लोग सायनायड मल्लिका भी कहते हैं.सायनायड मल्लिका उर्फ केडी केमपम्मा कर्नाटक के कग्गलीपुरा की रहने वाली थी.
पुलिस के मुताबिक, मल्लिका मंदिरों के आसपास उन औरतों को ही ढूंढती थी जो मानसिक तौर पर बहुत परेशान रहती थीं. हां, उनके अमीर होने की पूरी जानकारी कर लेती थी. वह अपने आप को भगवान का भक्त और धार्मिक महिला बना कर महिलाओं के करीब आती थी। इसर दौरान वह महिलाओं को ये कहकर फंसाती कि पूजा पाठ के जरिए वह उनकी हर समस्या का समाधान भी करा देगी. इसके बाद वह महिलाओं को अपना शिकार बनाती. उसने पहला शिकार साल 1999 में बेंगलुरु के बाहरी इलाके में 30 साल की ममता राजन नाम की एक औरत को बनाया था.उसने ममता को पूजा के नाम पर खाने पीने के समान में साइनाइड मिलाकर दे दी थी. इससे उसकी मौत हो गई और वह उसकी कीमती चीजें लेकर फरार हो गई. यहां से वह जो जुर्म की दुनिया में आगे बढ़ी, फिर नहीं रुकी.इस बीच साल 2006 में वह एक महिला के घर जाकर कुछ ऐसा ही कर रही थी. अपने प्लान के मुताबिक वह उसे पूजा पाठ में फंसाकर गहने जेवर से सजने को कहकर लूटने के फिराक में थी. लेकिन, महिला की किस्मत अच्छी थी और वह बच गई. इस मामले में केडी को 6 महीने की जेल हो गई.जेल से निकलने के बाद उसने अपने काम को और तेजी से अंजाम देना शुरू किया. वह महिलाओं को बेटा होने, अस्थमा ठीक करने या वैवाहिक जिंदगी में सबकुछ ठीक करने का झांसा देती है और शिकार करती. आने वाले 7 साल में उसने 7 हत्याएं और लूट को अंजाम दिया.
इस दौरान पुलिस ने जब सभी महिलाओं की हत्या की केस स्टडी की तो तार एक-एक कर मल्लिका से जुड़ते गएं. सभी में साइनाइड और मल्लिका का फैक्टर कॉमन मिला. इसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी.साल 2008 में 45 साल की हो चुकी मल्लिका की आखिरी शिकार 30 साल की नागवेणी थी. उसकी हत्या करके जब वह जेवर और पैसे लेकर भाग रही थी को पुलिस ने उसे बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया था. उसके पास उस समय लूट के समान भी था. साइनाइड मल्लिका ने अपराध की दुनिया में ये साबित भी किया कि यहां जेंडर कुछ नहीं होता है. महिला भी सीरियल किलर बन सकती है. वह न तो मानसिकतौर पर बीमार थी और न ही मजबूर. उसे बस पैसे कमाने की लत थी और इस वजह से वह अपराध की दुनिया में बढ़ती जा रही थी.